Saturday, 02 August 2025

श्रद्धा, सेवा और सम्मान की यात्रा: राजस्थान में फिर शुरू हुई वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना, इस बार 56 हजार बुजुर्गों को मिलेगा लाभ


श्रद्धा, सेवा और सम्मान की यात्रा: राजस्थान में फिर शुरू हुई वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना, इस बार 56 हजार बुजुर्गों को मिलेगा लाभ
हाइलाइट्स
  • 56,000 वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा लाभ
  • 23 जुलाई को जयपुर से रामेश्वरम के लिए ट्रेन
  • आवेदन 10 अगस्त तक ऑनलाइन
  • लगभग 40 तीर्थस्थलों के दर्शन
  • स्वास्थ्य और भोजन की पूर्ण व्यवस्था

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की संवेदनशील सोच और सामाजिक सरोकारों की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए राजस्थान सरकार ने एक बार फिर 'वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना' को पूरे जोरशोर से शुरू कर दिया है। इस वर्ष कुल 56 हजार वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क तीर्थ यात्रा का अवसर मिलेगा, जिसमें से 50 हजार लोग एसी ट्रेन और 6 हजार लोग हवाई जहाज से तीर्थ स्थलों की यात्रा करेंगे।

इस योजना के तहत 23 जुलाई को जयपुर से रामेश्वरम्-मदुरई के लिए विशेष ट्रेन रवाना होगी। इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 6 जून को योजना का औपचारिक शुभारंभ किया था और पहली वातानुकूलित ‘राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।

ऑनलाइन आवेदन की सुविधा 10 अगस्त तक

अगले चरण की तीर्थ यात्रा के लिए देवस्थान विभाग द्वारा 10 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। पात्रता की शर्तों के अनुसार, आवेदक की उम्र 60 वर्ष या अधिक होनी चाहिए और वह आयकरदाता नहीं होना चाहिए। आवेदन देवस्थान विभाग की वेबसाइट के माध्यम से किए जा सकते हैं। चयनित यात्रियों की सूची जिला स्तरीय समिति द्वारा तैयार की जाएगी, और एक प्रतीक्षा सूची भी बनाई जाएगी।

ट्रेन और हवाई यात्रा के माध्यम से दर्शन

योजना के तहत इस बार यात्रियों को 15 रेलमार्गों से लगभग 40 तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे। इनमें हरिद्वार, अयोध्या, काशी, तिरुपति, कामाख्या, द्वारका, सोमनाथ, उज्जैन, कोणार्क, गंगासागर समेत रामेश्वरम और मदुरई जैसे तीर्थस्थल शामिल हैं।
साथ ही हवाई मार्ग से नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर, श्री हजूर साहिब (महाराष्ट्र) और पटना साहिब (बिहार) के दर्शन भी योजना में जोड़े गए हैं।

बुजुर्गों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का विशेष ध्यान

यात्रा के दौरान डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ, स्वच्छ होटल, सुबह-शाम भोजन, और पर्यटन सुविधाओं की पूर्ण व्यवस्था की जाती है। ट्रेन के डिब्बों पर राजस्थानी लोक कला, तीज-त्योहार, मंदिर और किलों की झलक भी दिखाई देती है, जिससे संस्कृति का प्रचार-प्रसार होता है।

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