जालोर में बीते दो दिनों से आमरण अनशन पर बैठे कथा वाचक अभयदास महाराज ने शनिवार शाम करीब 5 बजे प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत की समझाइश पर अपना अनशन समाप्त कर दिया। अनशन समाप्त करने के बाद महाराज ने अपने समर्थकों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बायोसा माताजी मंदिर में दर्शन किए।
यह घटनाक्रम उस समय शुरू हुआ जब श्रावण मासीय कथा के दौरान शुक्रवार शाम करीब 5 बजे अभयदास महाराज ने जालोर दुर्ग की सीढ़ियों पर स्थित बायोसा मंदिर में भक्तों के साथ दर्शन के लिए चलने का आव्हान किया। लेकिन दो दिन पूर्व महाराज द्वारा एक धार्मिक स्थल को लेकर दिए गए विवादित बयान के चलते पुलिस ने उन्हें कथा स्थल से ही दर्शन के लिए जाने से रोक दिया। इससे नाराज होकर महाराज कॉलका कॉलोनी स्थित अपने आवास में चले गए और वहीं की छत से लगातार समर्थकों को संबोधित करते रहे।
मामला लगातार गंभीर होता गया, भीड़ रात-दिन महाराज के साथ डटी रही। स्थानीय संतों, भैरूनाथ अखाड़ा व कई सामाजिक संगठनों की मध्यस्थता के बावजूद महाराज मुख्यमंत्री के आने की शर्त पर अड़े रहे। जिला प्रशासन द्वारा पुलिस बल बढ़ा दिया गया और कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गवांडे व एसपी ज्ञानचंद यादव लगातार स्थिति पर नजर बनाए रहे।
शनिवार को जब कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत जालोर पहुंचे, तब उन्होंने महाराज से संवाद किया और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संयम बरतने की अपील की। उनकी समझाइश के बाद महाराज अनशन तोड़ने को राजी हो गए।
इसके बाद अभयदास महाराज, मंत्री कुमावत, जिला प्रशासन, पुलिस बल, और बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ बायोसा मंदिर पहुंचे और माताजी के दर्शन किए। दर्शन के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मंदिर परिसर और आसपास पुलिस का भारी जाप्ता तैनात रहा ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
इस घटनाक्रम के शांतिपूर्ण समापन के बाद प्रशासन ने स्थिति को सामान्य बताया, लेकिन क्षेत्र में सतर्कता अभी भी जारी है। अभयदास महाराज का अनशन टूटने के साथ ही स्थानीय समुदाय और प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
जालोर पहुंचकर कथावाचक श्री अभय दास जी के अनशन को समाप्त करवाया व महाराज जी के साथ बायोसा मंदिर में देवी माँ के दर्शन हेतु प्रस्थान कर रहा हूं।
— Joraram Kumawat (@JoraramKumawat) July 19, 2025
माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार साधु-संतों, संत समाज और धार्मिक जनप्रतिनिधियों के हितों के प्रति… pic.twitter.com/rEpueIAAhr