Sunday, 20 July 2025

जालोर में संत अभयदास महाराज का आमरण अनशन, मुख्यमंत्री के साथ मंदिर जाने की कर रहे मांग


जालोर में संत अभयदास महाराज का आमरण अनशन, मुख्यमंत्री के साथ मंदिर जाने की कर रहे मांग

जालोर जिले में श्रावण मास के अवसर पर आयोजित समरसता चातुर्मास महोत्सव में कथावाचन कर रहे तखतगढ़ धाम भारत माता मंदिर के संत अभयदास महाराज ने शनिवार को आमरण अनशन की घोषणा कर दी। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब पुलिस ने उन्हें और उनके समर्थकों को बायोसा मंदिर की ओर जाने से रोक दिया। पुलिस के इस हस्तक्षेप के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और महाराज भीनमाल बाईपास होते हुए कालका कॉलोनी स्थित जोग सिंह गुर्जर के मकान पहुंचे। वहां वे छत पर चढ़ गए और वहीं अन्न-जल त्याग कर लेट गए।

महाराज का आरोप है कि प्रशासन ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उनके कपड़े फाड़े गए और उनके साथ आए भक्तों पर लाठीचार्ज किया गया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और राज्य के मंत्री उनके साथ पैदल चलकर मंदिर नहीं जाएंगे, वे वहीं छत पर आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे। उनके समर्थकों ने बताया कि उनकी तबीयत बिगड़ने लगी है और सेवा के लिए गद्दे आदि लगाए गए हैं।

इस पूरे घटनाक्रम की जड़ में अभयदास महाराज का वह बयान है जो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बायोसा मंदिर कभी संस्कृत पाठशाला था जिसे तोपखाना कहा जाता था, और वहां 10 साल पहले तक गरबा होता था। इसी बयान से कुछ स्थानीय संगठनों की भावनाएं आहत हुईं, जिससे तनाव की आशंका के चलते पुलिस ने उन्हें मंदिर जाने से रोका।

फिलहाल, प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है और मकान को चारों ओर से घेर लिया गया है। जालोर और जोधपुर संभाग में हिंदू संगठनों में आक्रोश फैलता जा रहा है और प्रदर्शन की आशंका बढ़ रही है। संत अभयदास ने यह भी कहा कि अगर मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग जालोर में होते तो प्रशासन इतनी हिम्मत नहीं करता। यह टिप्पणी राजनीतिक संकेत भी देती है कि यह विवाद अब धार्मिक के साथ-साथ राजनीतिक रंग भी ले सकता है।

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