महाराष्ट्र के ठाणे जिले से एक अत्यंत चौंकाने वाला और अमानवीय मामला सामने आया है, जहां एक निजी स्कूल में कक्षा 5 से 10 तक की छात्राओं के साथ निजता का गंभीर उल्लंघन किया गया। जानकारी के अनुसार, स्कूल टॉयलेट में खून के धब्बे पाए जाने के बाद, स्कूल प्रबंधन ने सभी छात्राओं को कन्वेंशन हॉल में एकत्र किया और प्रोजेक्टर के माध्यम से टॉयलेट की तस्वीरें दिखाईं।
इसके बाद स्कूल स्टाफ ने छात्राओं से पूछा कि किसी को मासिक धर्म (पीरियड्स) हो रहे हैं या नहीं। जिन्होंने “हां” कहा, उनकी उंगलियों के निशान लिए गए, और जिन छात्राओं ने “नहीं” में जवाब दिया, उन्हें एक-एक कर टॉयलेट में ले जाकर उनके कपड़े उतरवाए गए और प्राइवेट पार्ट्स की शारीरिक जांच की गई।
इस अपमानजनक कृत्य के बाद छात्राओं ने घर जाकर अपने माता-पिता को पूरी घटना बताई। परिजनों ने कड़ा विरोध जताते हुए स्थानीय पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद स्कूल की प्रिंसिपल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
यह घटना जहां बाल संरक्षण कानूनों और महिला सम्मान के मूल्यों का उल्लंघन है, वहीं इसने शिक्षण संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा और गरिमा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बच्चों के बयान, स्कूल स्टाफ की भूमिका और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।