बीकानेर। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को बीकानेर में आपातकाल की 50 वीं बरसी पर आयोजित लोकतंत्र बचाओ कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा कि तेंदुलकर चाहे बेंच पर बैठे हों या क्रीज पर, उनकी उपलब्धियों को नकारा नहीं जा सकता। क्रिकेट में कौन कब खेलेगा, यह खिलाड़ी नहीं बल्कि कैप्टन तय करता है। कैप्टन ही यह तय करता है कि कौनसी पारी में किसे उतारना है।
स्मृति ईरानी पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने न केवल अपने राजनीतिक सफर को साझा किया, बल्कि कांग्रेस पार्टी और आपातकाल के काले दौर पर भी तीखा हमला बोला।
ईरानी ने कहा कि वे पिछले 25 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं। वे देश की पहली महिला कैबिनेट शिक्षा मंत्री रही हैं और जीवन अभी लंबा है। क्रिकेट के उदाहरण के माध्यम से उन्होंने स्पष्ट किया कि नेतृत्व की भूमिका में कौन किस समय आगे आएगा, यह एक सुव्यवस्थित रणनीति के तहत तय होता है, न कि केवल व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर।
अमेठी में हार के बावजूद सक्रियता बनाए रखने को लेकर उन्होंने कहा कि चुनावी हार के बाद भी उन्होंने क्षेत्र में काम किया और संगठन को मजबूत किया। उन्होंने बताया कि जब भाजपा को अमेठी में पहली बार संसदीय सीट मिली, तो इसके बाद जिला परिषद और विधानसभा सीटों पर भी पार्टी ने जीत दर्ज की। यह निरंतर कार्य और संगठन निर्माण का परिणाम है।
रविंद्र रंगमंच पर आयोजित कार्यक्रम में, स्मृति ईरानी ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर कलंक बताया। उन्होंने कहा कि उस दौर में पत्रकारों की कलम की स्याही रोक दी गई थी, नागरिकों की स्वतंत्रता कुचली गई थी। उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा महिलाओं के लिए किए गए कार्यों और सामाजिक कल्याण योजनाओं की भी जानकारी दी।