



मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच बुधवार को फिरोजपुर फीडर पुनर्निर्माण परियोजना को लेकर विस्तृत फोनवार्ता हुई। दोनों राज्यों की संयुक्त भागीदारी से ₹ 647.62 करोड़ की इस परियोजना पर कार्य शीघ्र शुरू होने की संभावना है, जिससे राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों के लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि यह परियोजना राज्य के उत्तर-पश्चिमी भाग की जीवनरेखा गंगनहर प्रणाली को सशक्त बनाएगी। किसानों की लंबे समय से चली आ रही इस मांग को केंद्रीय जल आयोग, नई दिल्ली द्वारा 24 अप्रैल 2025 को आयोजित 158वीं सलाहकार समिति की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजना लागत में पंजाब की हिस्सेदारी ₹379.12 करोड़ (58.54%) और राजस्थान की हिस्सेदारी ₹268.50 करोड़ (41.46%) निर्धारित की गई है।
राजस्थान सरकार ने अपनी हिस्सेदारी के लिए 268.50 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है, जिसकी वित्त विभाग द्वारा परीक्षण के बाद सूचना पंजाब सरकार को भेजी जाएगी, ताकि वह केंद्र सरकार से वित्त पोषण की औपचारिक स्वीकृति प्राप्त कर सके।
मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि इस पुनर्निर्माण कार्य को दो वर्षों में पूर्ण किया जाएगा और केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद निविदा एवं निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस परियोजना से फिरोजपुर फीडर की जलवाहन क्षमता 11,192 क्यूसेक से बढ़कर 13,842 क्यूसेक हो जाएगी, जिससे मानसून में पाकिस्तान की ओर बहने वाले अतिरिक्त जल का संरक्षण कर उसे राजस्थान में उपयोग में लिया जा सकेगा।
इससे गंगनहर के 3.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा सुनिश्चित होगी, जिससे फसल उत्पादकता बढ़ेगी और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में श्रीगंगानगर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री शर्मा को जनप्रतिनिधियों और किसानों ने इस विषय से अवगत कराया था, जिसके बाद उन्होंने जल शक्ति मंत्री से वार्ता कर इस परियोजना को गति प्रदान की। राज्य सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 2024-25 के बजट में ₹200 करोड़ का प्रावधान भी किया है।