Saturday, 13 December 2025

टोंक पारिवारिक न्यायालय की पहल रंग लाई: पति-पत्नी के रिश्तों की अहमियत समझाई, पत्नी ने छोड़ा तलाक का इरादा


टोंक पारिवारिक न्यायालय की पहल रंग लाई: पति-पत्नी के रिश्तों की अहमियत समझाई, पत्नी ने छोड़ा तलाक का इरादा

टोंक पारिवारिक न्यायालय में चल रहे एक तलाक वाद में न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा और काउंसलर नीलम जैन के प्रयासों से एक टूटता हुआ रिश्ता फिर से जुड़ गया। मामला भरतराज मीना और पार्वती मीना का था, जिनकी शादी वर्ष 2003 में हुई थी। प्रारंभिक वर्षों में ही दोनों के बीच आपसी मतभेद और मनमुटाव शुरू हो गए थे, लेकिन समय-समय पर समझाइश के प्रयासों से रिश्ते को बचाने की कोशिश होती रही। अंततः परिस्थितियां इतनी बिगड़ी कि 19 अक्टूबर 2023 को पार्वती मीना ने पारिवारिक न्यायालय टोंक में तलाक का वाद दायर किया।

भरतराज मीना, जो वर्तमान में निवाई रेलवे विभाग में कार्यरत हैं, अपने छोटे बेटे आयुष (7) के साथ रहते हैं, जबकि बड़ा बेटा साहिल (17) अपनी मां के पास है। वर्ष 2023 से चल रहे इस विवाद की सुनवाई के दौरान हाल ही में टोंक स्थानांतरित होकर आए न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने मामले को संवेदनशीलता से लेते हुए काउंसलर नीलम जैन के साथ मिलकर दोनों पक्षों से संवाद किया।

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने न केवल पति-पत्नी के रिश्तों की अहमियत समझाई, बल्कि उनके दो बेटों के भविष्य और पारिवारिक स्थिरता के महत्व पर भी जोर दिया। इन प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि पार्वती मीना ने तलाक का इरादा छोड़ते हुए पति भरतराज के साथ पुनः रहने की सहमति दे दी।

इसके बाद न्यायालय परिसर में ही दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर अपने पुनर्मिलन को प्रतीकात्मक रूप से स्वीकार किया, और न्यायाधीश एवं काउंसलर का आभार प्रकट करते हुए हँसते-हँसते न्यायालय से विदा हुए। यह मामला इस बात का उदाहरण है कि सकारात्मक संवाद और समझाइश से रिश्तों में आई दरार को भी पाटा जा सकता है।

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