Friday, 06 June 2025

नागौर में 8 जून तक जुलूस-सभा पर प्रतिबंध,क्षत्रिय करणी सेना और तेजा सेना के सम्मेलन की घोषणा से बढ़ा जातीय तनाव


नागौर में 8 जून तक जुलूस-सभा पर प्रतिबंध,क्षत्रिय करणी सेना और तेजा सेना के सम्मेलन की घोषणा से बढ़ा जातीय तनाव

नागौर जिला प्रशासन ने आगामी 8 जून को जिले में किसी भी प्रकार की जनसभा, जुलूस या सार्वजनिक आयोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय क्षत्रिय करणी सेना और तेजा सेना द्वारा एक ही दिन सभा बुलाने की घोषणा के बाद जातीय तनाव की आशंका को देखते हुए लिया है। जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत 5 जून से 20 जून तक पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है।

इस दौरान धरना-प्रदर्शन, जुलूस, हथियार या लाठी रखना, नशा करना, और सोशल मीडिया पर जाति आधारित भड़काऊ पोस्ट डालने पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। यह कदम राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के एक विवादास्पद बयान के बाद उत्पन्न सामाजिक तनाव की पृष्ठभूमि में उठाया गया है।

बेनीवाल ने राजस्थान के इतिहास को लेकर एक सभा में टिप्पणी की थी कि राजस्थान के राजघराने युद्ध से बचने के लिए मुगलों को 70 किलोमीटर पहले ही अपनी बेटियां सौंप देते थे। इस बयान से क्षत्रिय समुदाय में रोष फैल गया। करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत ने इसका जवाब देते हुए 8 जून को नागौर में ‘क्षत्रिय स्वाभिमान अस्मिता महासम्मेलन’ बुलाने की घोषणा की। वहीं, तेजा सेना ने भी उसी दिन सभा की घोषणा कर दी, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए।

प्रशासन ने स्पष्ट किया कि 8 जून को किसी भी संगठन को सभा या जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी और यदि कोई नियम तोड़ता है तो राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को देखते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। 5 जून को करणी सेना ने नेहरू पार्क, नागौर में बैठक बुलाई है, जिसमें ज्ञापन सौंपने के विकल्प पर चर्चा होगी। प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी से सहयोग की अपील की है।

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