



अजमेर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने गुरुवार को अजमेर जिले के विभिन्न गांवों — उदयपुर कला, टीकावड़ा, चुरली, डींडवाड़ा और बांदर सींदरी में एक दर्जन से अधिक खाद निर्माण फैक्ट्रियों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में किसानों को नकली उर्वरक बेचने वाले बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
डॉ. मीणा ने मौके पर पाया कि इन फैक्ट्रियों में डीएपी, एसएसपी, एनपीके, जिप्सम और पोटाश जैसे उर्वरकों की नकली और घटिया गुणवत्ता की मिक्सिंग की जा रही थी, जिन्हें असली बताकर किसानों को बेचा जा रहा था। यह कार्रवाई कृषि विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस टीमों के संयुक्त सहयोग से की गई।
कृषि मंत्री ने कहा कि “किसानों के साथ ऐसा धोखा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खाद में मिलावट और नकली उत्पाद बनाकर खेती की रीढ़ को कमजोर करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
नकली खाद से किसानों को हो रहा था भारी नुकसान: इन नकली उर्वरकों के कारण किसानों को फसल की पैदावार में भारी गिरावट का सामना करना पड़ रहा था। जांच में यह भी पाया गया कि कई जगहों पर बिना लाइसेंस के उत्पादन हो रहा था और ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली पैकिंग की जा रही थी।
मंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन फैक्ट्रियों को तत्काल सील कर कानूनी कार्यवाही शुरू की जाए। साथ ही दोषियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम और खाद नियंत्रण आदेश के तहत सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया जाए।
किसानों से की अपील: डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने किसानों से अपील की कि वे केवल अधिकृत केंद्रों से ही उर्वरक खरीदें और किसी भी संदिग्ध पैकेज या उत्पाद की जानकारी तुरंत विभाग को दें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित खाद उपलब्ध कराई जाए।