राजस्थान विधानसभा ने भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता को समाप्त करने की अधिसूचना जारी कर दी है। विधायक मीणा को एसडीएम पर पिस्टल तानने के गंभीर प्रकरण में 3 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद से उनकी सदस्यता पर सवाल उठ रहे थे। अब विधानसभा की अधिसूचना के अनुसार, मीणा की विधायकी 1 मई 2025 से प्रभावी रूप से समाप्त मानी जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अंता से विधायक कंवरलाल को राजस्थान विधान सभा की सदस्यता से दोष सिद्धी की दिनांक से निरर्हित कर दिया है। श्री देवनानी ने बताया कि अंता से विधायक कंवरलाल दोषसिद्धी की दिनांक से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) सहपठित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) के अन्तर्गत निरर्हित हो गए है। उन्होंने बताया कि इससे राजस्थान विधान सभा में एक स्थान अंता (193) जिला बारां रिक्त हो गया है। विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि शुक्रवार को प्रात: 10:30 बजे महाधिवक्ता की विधिक राय प्राप्त होते ही कंवरलाल की सदस्यता निरर्हित कर दी गई है। देवनानी ने कहा कि वे किसी भी प्रकार के दबाव में कार्य नहीं करते है। उन्होंंने कहा कि वे किसी भी मामले में उससे सम्बंधित प्रत्येक पहलू का गहन अध्ययन करके ही विधि सम्मत और न्याय सम्मत ही निर्णय लेते है। इससे पहले भी विधान सभा से संबंधित अनेक विषयों पर विधान सभा के तत्कालीन अध्यक्षों ने बहुत अधिक समय लिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। देवनानी ने कहा कि विधायक कंवरलाल के संबंध में न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले के दिन ही राज्य के महाधिवक्ता को विधिक राय दिये जाने के लिये निर्दिष्ट कर दिया था। ऐसे मामलों में दोष सिद्धी की दिनांक से ही विधान सभा सदस्य, विधान सभा की सदस्यता से निरर्हित हो जाता है। विधान सभा क्षेत्र के रिक्ति होने की सूचना राजस्थान विधान सभा द्वारा जारी की जाती है। देवनानी ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 177 में राज्य के महाधिवक्ता को विधानसभा के सदन में कार्रवाई में भाग लेने और राय देने का अधिकार होता है।