



मुख्य बिंदु (Highlights):
हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर के निर्देश दिए।
जनजाति कार्यमंत्री विजय शाह ने सेना की महिला अधिकारी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
हाईकोर्ट ने डीजीपी को चेताया – एफआईआर नहीं होने पर अवमानना होगी।
इंदौर के मानपुर थाने में दर्ज हुई एफआईआर।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद आखिरकार बुधवार रात करीब 11 बजे इंदौर के मानपुर थाने में प्रदेश सरकार के जनजाति कार्यमंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। यह कार्रवाई हाईकोर्ट की उस टिप्पणी के बाद हुई जिसमें मंत्री के बयान को "भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा" बताया गया।
जनजाति कार्यमंत्री विजय शाह ने हाल ही में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करते हुए उन्हें "आतंकियों की बहन" कहा था। इस बयान पर जबलपुर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और डीजीपी को तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
एफआईआर दर्ज की गई धाराएं:
धारा 152 – लोक सेवकों को विधिविरुद्ध कार्य करने के लिए प्रेरित करना
धारा 196(1)(बी) – राज्य के खिलाफ अपराधों के अभियोजन हेतु प्राधिकृत अनुमति
धारा 197(1)(सी) – लोक सेवकों के विरुद्ध अभियोजन हेतु शासकीय स्वीकृति
हाईकोर्ट की टिप्पणियाँ:
"मंत्री का बयान सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाला है।"
"यदि एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो डीजीपी पर कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।"
"ऐसे बयान देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालते हैं।"