जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने 14 मई बुधवार भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में शपथ ग्रहण की। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीश और केंद्रीय मंत्री भी उपस्थित रहे।
CJI गवई, देश के पहले बौद्ध और दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश हैं। वे मौजूदा CJI संजय किशन कौल (कार्यवाहक) के स्थान पर यह पद संभाल रहे हैं, जिनका कार्यकाल 13 मई 2025 को समाप्त हो गया। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता क्रम के अनुसार उनका नाम अगला था, जिसे CJI कौल ने राष्ट्रपति को अनुशंसा के तौर पर आगे बढ़ाया था।
जस्टिस गवई का कार्यकाल अपेक्षाकृत छोटा रहेगा – केवल 6 महीने, क्योंकि वे 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। 24 मई 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उनका न्यायिक कार्यकाल न्यायिक विवेक, संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है।