कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर मसले पर दिए गए बयान और मध्यप्रदेश के एक मंत्री द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी के लिए अपमानजनक भाषा के उपयोग को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा नेतृत्व पर तीखा हमला बोला है। पायलट ने कहा कि जिस प्रकार एक मंत्री ने एक महिला सेना अधिकारी के लिए असम्मानजनक शब्दों का प्रयोग किया, वह निंदनीय है और ऐसे व्यक्ति को सरकार में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
बुधवार को जयपुर निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन की सफल जानकारी साझा कर देश का गौरव बढ़ाया है। ऐसे में भाजपा नेतृत्व को माफी मांगनी चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया:पायलट ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ, लेकिन भारत सरकार की ओर से इस पर कोई स्पष्ट या उच्च स्तरीय खंडन नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप ने अपने किसी भी बयान में "पाकिस्तानी आतंकवाद" का ज़िक्र तक नहीं किया।
पायलट ने यह भी कहा कि ट्रंप कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाकर भारत की पारंपरिक नीति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जबकि यह मुद्दा द्विपक्षीय है और भारत के अंदरूनी मामलों में विदेशी हस्तक्षेप अस्वीकार्य है।
संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग: पायलट ने केंद्र सरकार से मांग की कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर 1994 में सर्वसम्मति से पारित पीओके प्रस्ताव को फिर से पारित किया जाए, जिससे दुनिया को यह स्पष्ट संदेश जाए कि भारत इस मुद्दे पर पूरी तरह एकजुट है।
भारत-पाक तुलना को बताया गलत:पायलट ने कहा कि भारत की तुलना पाकिस्तान से होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत को चीन जैसे राष्ट्रों की श्रेणी में रखा जाना चाहिए, न कि एक "फेल्ड स्टेट" पाकिस्तान के साथ। उन्होंने आईएमएफ लोन के उपयोग पर भी सवाल उठाए कि कहीं इसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए तो नहीं किया जाएगा।