मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की पहल और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS) में गड़बड़ियों पर सख्त कार्रवाई की गई है। जांच के बाद 2 आयुर्वेद और 3 एलोपैथी चिकित्सकों सहित 9 कार्मिक निलंबित किए गए हैं। वहीं, एक निजी अस्पताल, एक मेडिकल स्टोर, तीन चिकित्सकों और एक कार्डधारी पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि RGHS में लंबे समय से अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही थीं। गहन जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की गई।
राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सीईओ हरजी लाल अटल के अनुसार निलंबितों में—
डॉ. कविता धनखड़, आयुर्वेद चिकित्सक, डीबी सामान्य चिकित्सालय चूरू
डॉ. पवन जांगिड़, आयुर्वेद चिकित्सक, चूरू
डॉ. मनीषा, सीएचसी बीबरानी, खैरथल-तिजारा
डॉ. नरसीलाल पचौरी, जिला चिकित्सालय, अलवर
डॉ. कपिल भारद्वाज, TBC अलवर
मदन मोहन पाण्डे, कम्पाउंडर, नाहरी का नाका, जयपुर
चंद्रशेखर जाटव, कम्पाउंडर, आयुर्वेद औषधालय बालेटा, अलवर
मोहसिन खान, परिचारक, उप निदेशक आयुर्वेद विभाग, जयपुर
महेश कुमार महावर, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, जल संसाधन विभाग
जांच में सामने आया कि राजस्थान पेंशनर्स एसोसिएशन मेडिकल स्टोर (अलवर), मित्तल हॉस्पिटल, संबंधित चिकित्सक और कार्डधारी ने मिलीभगत कर फर्जी ओपीडी पर्चे बनाए। दवा की जगह मेडिकल स्टोर से अन्य सामान लिया गया। केवल एक कार्ड से ही एक वर्ष में 26.70 लाख रुपये का लाभ ओपीडी के जरिए उठाया गया।
चिकित्सा मंत्री ने साफ किया कि RGHS में गड़बड़ियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषी चिकित्सकों, फार्मा स्टोर और अस्पतालों के खिलाफ भविष्य में भी कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।