राजस्थान में आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त अभियान छेड़ दिया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राज्यभर में छापेमारी और पहचान अभियान के तहत अब तक 1008 बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े जा चुके हैं। जयपुर रेंज से पकड़े गए 150 नागरिकों को जोधपुर एयरपोर्ट से विशेष विमान के जरिए बांग्लादेश डिपोर्ट कर दिया गया।
यह पूरी कार्रवाई भारत-बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय समन्वय और बीएसएफ तथा पुलिस की संयुक्त निगरानी में हो रही है। सभी डिटेन्ड नागरिकों को डिपोर्टेशन से पहले अलग-अलग डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।
ज़िलावार स्थिति: सीकर जिले में 393 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए, जिनमें से अकेले खंडेला क्षेत्र में 50 से अधिक हैं। ये लोग ईंट भट्टों और निर्माण स्थलों पर मजदूरी करते हुए पहचान छुपाकर रह रहे थे। अजमेर जिले से 31 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है, जो अलग-अलग इलाकों में छिपकर रह रहे थे।
कहां-कहां बनाए गए डिटेंशन सेंटर: राज्य सरकार ने इस अभियान के तहत 6 डिटेंशन सेंटर बनाए हैं: अलवर (स्थायी डिटेंशन सेंटर),झाड़ोल (उदयपुर),मेड़ता (नागौर),बहरोड़ (अलवर),जयपुर में दो केंद्रइन सभी केंद्रों में कुल 1008 बांग्लादेशी घुसपैठियों को रखा गया है, जिन्हें आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद देश से बाहर किया जा रहा है।
150 को किया गया डिपोर्ट:जयपुर रेंज से पकड़े गए 150 बांग्लादेशी नागरिकों को जोधपुर लाया गया, जहां से विशेष विमान द्वारा उन्हें बांग्लादेश भेजा गया। यह पूरी प्रक्रिया पाकिस्तान के हालिया आतंकी गतिविधियों के मद्देनजर तेज की गई है।
अधिकारी बोले: पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद आवश्यक थी। बीएसएफ और गृह विभाग मिलकर सुनिश्चित कर रहे हैं कि भविष्य में इस तरह की घुसपैठ को रोका जा सके।