राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता को लेकर बनी अनिश्चितता को संवैधानिक परंपराओं पर कुठाराघात बताया है। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश की प्रति 5 मई को विधानसभा सचिवालय को प्राप्त हो चुकी है, और नियमानुसार 7 दिन के भीतर सदस्यता को लेकर निर्णय लिया जाना चाहिए था। सोमवार को यह अवधि पूरी हो चुकी, लेकिन अभी तक विधानसभा की ओर से कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की गई है।
इस विषय को लेकर जूली ने अब तक विधानसभा अध्यक्ष को तीन पत्र लिखे हैं। मंगलवार को उन्होंने इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे को पत्र लिखा है और विधायक की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। जूली ने कहा कि इस मामले में सरकार का ढिलमुल रवैया और निर्णय में हो रही देरी कई संदेहों को जन्म दे रही है, जिससे लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख पर सवाल उठ रहे हैं।