भारत ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े किसी भी मामले में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मामला है, और इसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं होगा। भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली करने की मांग दोहराई और कहा कि भारत केवल इस मुद्दे पर बातचीत करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा सीजफायर में मध्यस्थता और व्यापार की शर्त पर युद्ध विराम का दावा करने पर भी भारत ने नाराजगी जताई। रणधीर जायसवाल ने कहा कि 7 से 10 मई के बीच जब ऑपरेशन सिंदूर चला, तब भारत और अमेरिका के बीच जो बातचीत हुई, उसमें व्यापार का कोई जिक्र नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ट्रम्प का यह दावा आधारहीन है कि उन्होंने दोनों देशों से युद्धविराम के बदले व्यापार करने की बात कही थी।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट), जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है, उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आतंकी संगठन के रूप में सूचीबद्ध कराने की प्रक्रिया जारी है। भारत ने इसके सबूत भी प्रस्तुत किए हैं और दावा किया है कि टीआरएफ ने हालिया आतंकी हमलों की जिम्मेदारी भी ली है।
BSF जवान बीके साहू, जो पाकिस्तान की गिरफ्त में हैं, उनके बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्रालय और सेना इस पर कार्य कर रही है। सुरक्षा कारणों से अधिक जानकारी साझा नहीं की जा सकती।
बांग्लादेश के हालात पर भी विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई। अवामी लीग पर बैन और लोकतंत्र के हनन को लेकर भारत ने कहा कि बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए और राजनीतिक स्वतंत्रता बहाल की जानी चाहिए।