राजस्थान शिक्षा विभाग ने भामाशाह सम्मान-2025 के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है, लेकिन इस बार भी उन्हीं नियमों को अपनाया गया है, जिन पर पिछले वर्ष भारी विवाद के बाद विभाग को यू-टर्न लेना पड़ा था। नई गाइडलाइन के अनुसार दैनिक भामाशाहों को मिलने वाले जिला स्तरीय सम्मान में कटौती कर दी गई है, जिससे कई छोटे सहयोगकर्ताओं को बाहर होना पड़ सकता है।
गाइडलाइन के मुताबिक, राज्य स्तरीय ‘शिक्षा विभूषण’ सम्मान उन भामाशाहों को मिलेगा जिन्होंने 1 करोड़ रुपए से अधिक का योगदान दिया है। वहीं, 30 लाख से 99.99 लाख रुपए के बीच सहयोग करने वाले ‘शिक्षा भूषण’ के हकदार होंगे। जिला स्तर पर ‘शिक्षा श्री’ सम्मान सिर्फ उन्हीं को मिलेगा जिन्होंने कम से कम 5 लाख रुपए से लेकर 29.99 लाख रुपए तक का सहयोग किया है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले साल मई 2024 में जब विभाग ने पहली बार यह कट-ऑफ लागू किया था, तो 1 लाख से 4.99 लाख तक दान करने वाले भामाशाह सम्मान की दौड़ से बाहर हो गए थे। इसके विरोध में शिक्षा विभाग को नियमों में संशोधन कर 1 लाख से 15 लाख रुपए तक के दान को भी सम्मान योग्य बनाना पड़ा था। अब एक बार फिर उसी पुराने विवादास्पद नियम को लागू कर दिया गया है। इस संबंध में जब मीडिया ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट से संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
27 मई तक आवेदन की अंतिम तिथि रखी गई है। भामाशाह सम्मान-2025 के लिए 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 की अवधि के दौरान सहयोग देने वाले भामाशाह ज्ञान संकल्प पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। साथ ही जरूरी दस्तावेज अपलोड करना भी अनिवार्य होगा। आवेदन पत्रों की जिला स्तर पर जांच 30 मई तक और निदेशालय स्तर पर 10 जून तक होगी। चयन समिति 10 से 13 जून तक अंतिम सूची तैयार करेगी।