Sunday, 07 September 2025

कांग्रेस का संविधान बचाओ अभियान अपनी बौखलाहट में अस्तित्व बचाने की नाकाम कोशिश : सीपी जोशी


कांग्रेस का संविधान बचाओ अभियान अपनी बौखलाहट में अस्तित्व बचाने की नाकाम कोशिश : सीपी जोशी

जयपुर। लोकसभा याचिका समिति के अध्यक्ष एवं सांसद सीपी जोशी ने 28 अप्रैल सोमवार को जयपुर में कांग्रेस द्वारा आयोजित 'संविधान बचाओ रैली' पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तथाकथित संविधान बचाओ अभियान न तो संविधान की रक्षा के लिए है, न लोकतंत्र के लिए, बल्कि यह उनकी राजनीतिक बौखलाहट का परिणाम है। कांग्रेस अपनी डूबती नैया को बचाने के लिए इस प्रकार के अभियान चला रही है, जोकि एक नाकाम कोशिश है।

लोकसभा याचिका समिति के अध्यक्ष एवं सांसद सीपी जोशी ने कहा कि आज कांग्रेस के नेताओं ने रैली में सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस को मजबूत करने की बात की, क्योंकि उन्हें भी अब यह अच्छी तरह से पता चल गया है कि कांग्रेस आज न केवल प्रदेश में बल्कि पूरे देश में बदहाल, कमजोर और बिखरी हुई स्थिति में है।

लोकसभा याचिका समिति के अध्यक्ष एवं सांसद जोशी कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों में देश की जनता ने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कहा, उससे कहीं अधिक करके दिखाया है। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ पुलवामा और उरी के हमलों के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक जैसे कड़े जवाब दिए।
अब जब प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमले के बाद देश से वादा किया है कि गुनहगारों को कल्पना से भी अधिक कठोर सजा मिलेगी, तो कांग्रेस को उन पर भरोसा करना चाहिए न कि अनर्गल बयानबाजी कर देशहित को आहत करना चाहिए।

लोकसभा याचिका समिति के अध्यक्ष एवं सांसद जोशी ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने संविधान की मूल भावना को ज़मीन पर उतारने का वास्तविक काम किया है। इसके उलट कांग्रेस ने दशकों तक सत्ता का दुरुपयोग करते हुए संविधान का अपमान किया —कभी आपातकाल लगाकर, कभी संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा जमाकर,तो कभी सत्ता में बने रहने के लिए संविधान के साथ खिलवाड़ करके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को संविधान की रक्षा की बात करने से पहले सौ बार नहीं, हजार बार सोचने की जरूरत है, क्योंकि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने ही संविधान और लोकतंत्र का सबसे अधिक नुकसान किया है।

उन्होंने अंत में कटाक्ष करते हुए कहा कि आज वही कांग्रेस नेता संविधान की किताब जेब में रखकर घूम रहे हैं, जो कभी उसे रौंदते रहे थे।

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