राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए ) में सियासी टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। भाजपा विधायक और आरसीए एडहॉक कमेटी के कन्वीनर जयदीप बिहाणी के खिलाफ अब उन्हीं की एडहॉक कमेटी के सदस्य खुलकर मोर्चा खोल चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे और आरसीए एडहॉक सदस्य धनंजय सिंह खींवसर ने बुधवार को आरोप लगाया कि बिहाणी तानाशाही रवैये और अमर्यादित भाषा से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एडहॉक कमेटी को ऐसे चला रहे हैं जैसे तालिबान अफगानिस्तान को चलाता है। मीटिंग्स में ऊंची आवाज में बोलना, अपनी मनमर्जी थोपना उनकी आदत बन चुकी है।"
धनंजय ने कहा कि वे अब जयदीप बिहाणी द्वारा बुलाई किसी मीटिंग में भाग नहीं लेंगे। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से मांग की कि बिहाणी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने पहले ही नागौर क्रिकेट एसोसिएशन से इस्तीफा दे दिया था और अब जोधपुर क्रिकेट एसोसिएशन में अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण किया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहाणी आरसीए और IPL से जुड़े मुद्दों को राजनीतिक फायदे और 'पास' के विवाद में तब्दील कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "आरसीए को हथियार बनाकर वह सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं।"
एडहॉक कमेटी के दूसरे सदस्य धर्मवीर सिंह शेखावत ने भी बिहाणी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि IPL फिक्सिंग और 10 लाख रुपए की फंडिंग से जुड़े उनके बयान बिल्कुल गलत और गुमराह करने वाले हैं। उन्होंने स्पष्ट किया किआरसीए को आवश्यक संसाधनों और संचालन के लिए बीसीसीआई द्वारा ही फंडिंग दी जाती है, ऐसे में बिना कमेटी की सहमति के 10 लाख रुपये की चिट्ठी भेजना अस्वीकार्य है।
राजस्थान रॉयल्स और खेल परिषद पर दिए गए आरोपों को भी एडहॉक कमेटी के सभी सदस्यों ने व्यक्तिगत टिप्पणी बताया है और इससे असहमति जताई है। इस घटनाक्रम से आरसीए में नेतृत्व संकट और बढ़ गया है और अब यह मामला राज्य सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहा है।