झालावाड़ राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को अपने झालावाड़ दौरे के दौरान पेयजल संकट की गंभीर शिकायतों पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (जलदाय विभाग) और जल जीवन मिशन से जुड़े अफसरों की जमकर खबर ली। रायपुर कस्बे में ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान उन्होंने अफसरों से तीखे सवाल पूछे और चेतावनी भरे लहजे में कहा — “पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुँचना चाहिए। अफसर सो रहे हैं और जनता रो रही है, ऐसा नहीं चलने दूंगी।”
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 42 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, लेकिन सवाल है कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का क्या हुआ? उन्होंने अधिकारियों से पाई-पाई का हिसाब मांगा और कहा कि पेयजल संकट पर सरकार तो धन उपलब्ध करवा रही है, पर अफसर योजनाओं की क्रियान्विति में पूरी तरह नाकाम हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा –“क्या सिर्फ अफसरों को ही प्यास लगती है? जनता प्यास से त्रस्त है और आप संतुष्ट हैं? अभी अप्रैल का यह हाल है, जून-जुलाई में क्या होगा?”
इस दौरान मौके पर उपस्थित अधीक्षण अभियंता दीपक सिंह झा सहित अन्य अफसर संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके, जिस पर वसुंधरा राजे ने कहा कि “लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। यहां ऐसा हरगिज नहीं चलेगा।”
इस दौरे में झालावाड़-बारां से सांसद दुष्यंत सिंह भी वसुंधरा राजे के साथ रहे। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए।
इसके बाद वसुंधरा राजे ने कड़ोदिया गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) भवन और मथानिया में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) भवन का उद्घाटन कर आमजन से संवाद भी किया।