जयपुर रामनवमी के मौके पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के राम मंदिर में दर्शन करने के बाद भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा मंदिर को गंगाजल से धोने की घटना ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। इस विवादित कदम को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है, इसे दलित विरोधी मानसिकता करार दिया है।
कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा का बयान भाजपा की दलितों के प्रति घृणित मानसिकता को उजागर करता है। मैंने हमेशा विधानसभा में छुआछूत और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई है। पर भाजपा का रवैया आज भी वहीं है— जातिवाद और अस्पृश्यता को बढ़ावा देना।”
जूली ने इसे अपनी आस्था और आत्मसम्मान पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि“क्या भाजपा को दलितों से इतनी नफरत है कि वो हमें पूजा-पाठ करते हुए भी नहीं देख सकती? क्या भगवान पर अब केवल भाजपा नेताओं का ही अधिकार रह गया है?”
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा के दिल में दलितों के लिए केवल दुर्भावना, नफरत और ईर्ष्या है। गंगाजल से मंदिर धुलवाना एक घोर अपमानजनक कृत्य है। ये सिर्फ जूली जी नहीं, बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान है।
टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट करने की मांग की कि “क्या वे इस जातिवादी और अमानवीय सोच का समर्थन करते हैं? या फिर ज्ञानदेव आहूजा के इस बयान से खुद को अलग करते हैं?”
इस बयान और घटना के बाद प्रदेश भर के दलित संगठनों में आक्रोश फैल गया है। कई संगठनों ने इसे सांवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन और सामाजिक समरसता पर हमला करार दिया है। आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन और धरने की चेतावनी भी दी जा रही है।