राजस्थान के बारां जिले में वन विभाग के सभी विकास कार्यों और विभिन्न योजनाओं के तहत हुए भुगतानों पर रोक लगा दी गई है। यह कार्रवाई छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी द्वारा DFO अनिल कुमार यादव पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद की गई है। सिंघवी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए डीएफओ को हटाने की मांग की थी।
विधायक सिंघवी ने आरोप लगाया कि डीएफओ यादव पूर्व में धौलपुर और सवाई माधोपुर में भी भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त रहे हैं और वर्तमान में उन पर एसआईटी जांच भी चल रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जांच लंबित रहने के बावजूद उन्हें बारां जैसे संवेदनशील जिले में कैसे नियुक्त किया गया।
इस गंभीर शिकायत पर वन विभाग ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिजीत बनर्जी ने आदेश जारी कर राज्य योजना, नाबार्ड, कैम्पा, आरएफबीडीपी और सीएसएस योजनाओं के अंतर्गत सभी कार्यों और भुगतानों पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है।
जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी विकास कार्यों को तत्काल प्रभाव से बंद कर विभाग को सूचित किया जाए। आदेश की प्रतिलिपि संबंधित अधिकारियों और परियोजना निदेशकों को भी भेजी गई है।
इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए डीएफओ अनिल कुमार यादव ने कहा,
"आरोप-प्रत्यारोप राजनीति का हिस्सा होते हैं। अच्छा काम करने पर आरोप लगते हैं। मैं किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हूं।"
विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने वन विकास कार्यों में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाते हुए थर्ड पार्टी से जांच कराने, और भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी।