राजस्थान सरकार राज्य के सभी नगर निकायों में “एक प्रदेश, एक चुनाव” नीति के तहत नवंबर 2025 में चुनाव कराने की तैयारी में जुट गई है। यूडीएच राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया कानूनी रूप से निर्धारित ढांचे के अनुसार संचालित हो रही है और इसका उद्देश्य प्रशासनिक सरलता और जनहित सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को वार्डों के परिसीमन से नहीं, बल्कि एक साथ चुनाव कराए जाने की प्रक्रिया से आपत्ति है, जो पूरी तरह अनावश्यक और राजनीतिक है।
यूडीएच राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि राज्य में फिलहाल वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया जारी है, जिसकी अधिसूचना प्रकाशित हो चुकी है और आपत्तियों की अवधि चल रही है। इसके बाद, आपत्तियों पर सुनवाई की जाएगी और सितंबर तक मतदाता सूचियों का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद नवंबर में प्रदेश के सभी नगर निकायों में एक साथ चुनाव कराने की योजना पर काम शुरू होगा।
विपक्ष द्वारा उठाई जा रही आपत्तियों को खारिज करते हुए, मंत्री खर्रा ने आरोप लगाया कि विपक्ष बेवजह राजनीति कर रहा है और भ्रम फैला रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निकायों का परिसीमन करना राज्य सरकार का संवैधानिक अधिकार है, और इस संबंध में पहले ही राज्य हाईकोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि इसमें न्यायालय का हस्तक्षेप आवश्यक नहीं है। फिर भी, यदि कोई मामला कोर्ट जाता है, तो सरकार अपना पक्ष मजबूती से रखेगी और कोर्ट के आदेश का पालन करेगी।
यूडीएच राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कांग्रेस द्वारा वार्डों की संख्या घटाने के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता जनता का हित है। उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से कहा कि “तेते पांव पसारिए, जेती लंबी सौर” जैसी कहावतें वर्तमान स्थिति पर लागू होती हैं। उन्होंने वेनेजुएला का उदाहरण देते हुए समझाया कि अनियोजित वित्तीय प्रबंधन किसी भी समृद्ध राष्ट्र को दिवालिया बना सकता है। सरकार का कर्तव्य है कि जनता से प्राप्त करों का समुचित उपयोग जनकल्याण में हो।