राजस्थान में सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती फर्जीवाड़े में प्रदेश इतिहास में पहली बार राज्य सेवा अधिकारी (SDM) की गिरफ्तारी हुई है। SOG की टीम ने जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ SDM हनुमान राम को गिरफ्तार किया, जिन पर डमी कैंडिडेट बनकर नरपतराम की जगह परीक्षा देने का आरोप है।
इससे पहले जोधपुर रेंज पुलिस ने 29 वर्षीय नरपतराम और उसकी पत्नी 27 वर्षीय इंद्रा को गिरफ्तार कर SOG को सौंपा था। पूछताछ में दोनों ने SDM हनुमान राम का नाम लिया, जिसके बाद SOG ने बुधवार को फतेहगढ़ पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार किया।
ATS प्रमुख वी.के. सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि SDM हनुमान राम को SI भर्ती पेपर लीक मामले में मुख्य भूमिका निभाने के आरोप में पकड़ा गया है। तीन दिन पहले जालोर के बागोड़ा निवासी नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा को पुलिस ने गोवा और जोधपुर से अलग-अलग गिरफ्तार किया था, जो फर्जीवाड़े के मुख्य सूत्रधार हैं।
जांच में सामने आया कि हरखू जाट नामक अभ्यर्थी, जो परीक्षा में फर्जी तरीके से पास हुआ था, उसने नरपतराम का नाम लिया, जिसके बाद पति-पत्नी फरार हो गए। बाद में इन दोनों को पकड़कर SOG को सौंपा गया। पूछताछ में दोनों ने डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने वाले SDM हनुमान राम का नाम उजागर किया, जिसके बाद बुधवार को उन्हें गिरफ्तार कर जयपुर लाया गया।
हनुमान राम विरड़ा, बाड़मेर जिले के बिसारणियां गांव निवासी हैं और उन्होंने RAS 2021 में 22वीं रैंक हासिल की थी। फरवरी 2025 में उन्होंने फतेहगढ़ SDM के रूप में पदभार ग्रहण किया था। इससे पहले वे चितलवाना, बागोड़ा और शिव में SDM रह चुके हैं।
अब SOG की पूछताछ में यह स्पष्ट होगा कि हनुमान राम की भूमिका कितनी गहरी है और उन्होंने किन-किन लोगों की मदद से यह फर्जीवाड़ा किया। यह मामला राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था में गंभीर विश्वासघात और नैतिक पतन का उदाहरण बनकर सामने आया है।