जयपुर। राजस्थान दिवस के अवसर पर कालबेलिया कल्चर फाउंडेशन और द झंकार फाउंडेशन द्वारा आयोजित “राजस्थानी धुनों का महासंगम” कार्यक्रम एक यादगार सांस्कृतिक उत्सव बनकर उभरा। इस कार्यक्रम ने न केवल लोक कला को मंच दिया, बल्कि बच्चों में कलात्मक चेतना जगाने का कार्य भी किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण दत्ता रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में आनंदपाल सिंह तोमर, रतन नाथ कालबेलिया, गौरव शर्मा, मदन मोहन पालीवाल, डॉ. अलका गौड़ और चिल आउट कैफे से अजीत ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम का मंच संचालन दीपक पंवार ने किया, जबकि बिहानी ग्रुप ऑफ कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. संजय बिहानी ने सभी अतिथियों का माला और साफा पहनाकर पारंपरिक रूप से स्वागत किया। उन्होंने निकट भविष्य में कालबेलिया कलाकारों को देश-विदेश में मंच उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया।
यश सपेरा और श्रवण, जो कार्यक्रम के आयोजक और दोनों संस्थाओं के निदेशक हैं, ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मंच देना और उनमें आर्टिस्टिक सोच को विकसित करना था। कार्यक्रम में लगभग 50 बच्चों ने भाग लिया, जो सभी लोक कलाकारों के परिवार से हैं।
विशेष आकर्षण रहीं विश्वविख्यात मीना सपेरा, जिन्होंने छोटी बच्चियों के साथ मिलकर बेहतरीन प्रस्तुति दी। वहीं राहुल सोलंकी और उनके बैंड ने कबीर के दोहों को फ्यूजन म्यूजिक में प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य अतिथि सहित सभी विशिष्ट अतिथियों ने प्रस्तुतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कालबेलिया समाज को भविष्य में उचित मंच और सहयोग देने का संकल्प दोहराया।
इस अवसर पर घुमंतु जाति के प्रदेशाध्यक्ष रतन कालबेलिया ने समाज के उत्थान और सांस्कृतिक संरक्षण पर अपने विचार साझा किए। यह कार्यक्रम बच्चों को उनकी संस्कृति से जोड़ने और राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल रहा।