जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य सरकार अन्त्योदय के संकल्प को साकार करने में सहकारिता क्षेत्र को केंद्रीय भूमिका दे रही है। उन्होंने कहा कि गांवों को समृद्ध और किसानों को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों की स्थापना कर रही है। उन्होंने सहकार से समृद्धि की परिकल्पना को धरातल पर उतारने के लिए राजस्थान सहकारिता अधिनियम, 2001 में आवश्यक संशोधन कर नवीन कोऑपरेटिव कोड लाने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा 2024-25 के बजट में 23,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरित किया गया है, जिससे 35 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए। आगामी बजट 2025-26 में यह राशि बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये कर दी गई है। साथ ही, गोपालक परिवारों को गोपाल क्रेडिट कार्ड के तहत ₹1 लाख तक के ऋण की सुविधा दी जा रही है, जिसकी संख्या अब बढ़ाकर 2.5 लाख परिवार कर दी गई है। पीएम किसान सम्मान निधि की राशि को भी बढ़ाकर ₹9,000 वार्षिक करने की घोषणा की गई है।
बैठक में बताया गया कि खरीफ सीजन 2024 में सहकारी संघ द्वारा 4700 करोड़ रुपये से अधिक की दलहन-तिलहन की खरीद की गई है, जिसमें मूंगफली की रिकॉर्ड 4.38 लाख मीट्रिक टन खरीद शामिल है। रबी सीजन 2025-26 के लिए सरसों और चने की खरीद हेतु पंजीकरण प्रारंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को सरकारी योजनाओं की जानकारी जनसंपर्क और प्रचार माध्यमों से समय पर दी जाए, और अधिक से अधिक बचत खाते सहकारी बैंकों में खोले जाएं।
बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक, मुख्य सचिव सुधांश पंत, वित्त ACS अखिल अरोड़ा, मुख्यमंत्री कार्यालय के ACS शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता, डेयरी सचिव समित शर्मा, राजफेड MD टीकम चंद बोहरा, और RSLDB MD जितेंद्र प्रसाद समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सहकारिता विभाग की प्रमुख सचिव मंजू राजपाल ने विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दी और बताया कि "सहकार से समृद्धि" मिशन के तहत राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। विभाग द्वारा 54 पहलें शुरू की गई हैं, जिनमें पैक्स कम्प्यूटरीकरण, बहुद्देशीय ग्राम समितियों की स्थापना, और अन्न भंडारण हेतु गोदामों का निर्माण शामिल हैं।