राजस्थान सरकार प्रदेश के नगरीय निकायों, विकास प्राधिकरणों और नगर विकास न्यासों को अधिक शक्तिशाली बनाने जा रही है। सरकार ने ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिससे ये संस्थाएं अब पहले की तुलना में अधिक क्षेत्रफल की भूमि के पट्टे जारी कर सकेंगी, ऊंची इमारतों को निर्माण स्वीकृति दे सकेंगी और बड़े भूखंडों का उपविभाजन व पुनर्गठन भी कर सकेंगी।
सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव को स्वायत्त शासन राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने स्वीकृति दे दी है और संभवतः 28 मार्च को राजस्थान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इसकी औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। इससे पहले नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग द्वारा इसे लेकर विस्तृत आदेश जारी किए जाएंगे।
25,000 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंडों के पट्टे जारी कर सकेंगे।
10,000 वर्ग मीटर तक के गैर-आवासीय भूखंडों के पट्टे जारी कर सकेंगे।
60 मीटर तक ऊंची इमारतों के निर्माण की स्वीकृति दे सकेंगे।
नगर विकास न्यास (UIT) व अन्य निकाय:
10,000 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंडों और
5,000 वर्ग मीटर तक के गैर-आवासीय भूखंडों के पट्टे।
40 मीटर तक ऊंची इमारतों को मंजूरी।
अन्य सभी नगरीय निकाय:
5,000 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंडों और
2,500 वर्ग मीटर तक के गैर-आवासीय भूखंडों के पट्टे।
30 मीटर तक की ऊंचाई की इमारतों को निर्माण की स्वीकृति।
यह निर्णय नगरीय प्रशासन में तेजी, पारदर्शिता और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे राज्य में रियल एस्टेट, वाणिज्यिक विकास और आवासीय योजनाओं को गति मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही निवेशकों को अनावश्यक अनुमतियों के लिए जयपुर या अन्य उच्च स्तरीय कार्यालयों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।