Monday, 31 March 2025

सनातन धर्म रक्षा संघ ने अजमेर विकास प्राधिकरण की कार्रवाई को लेकर मानव अधिकार आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग


सनातन धर्म रक्षा संघ ने अजमेर विकास प्राधिकरण की कार्रवाई को लेकर मानव अधिकार आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग

अजमेर सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु राजस्थान के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जीआर मूलचंदानी को पत्र लिखकर डॉ. कुलदीप शर्मा के साथ अजमेर विकास प्राधिकरण की टीम द्वारा किए गए दुर्व्यवहार एवं मकान ध्वस्तीकरण की घटना पर निष्पक्ष जांच की मांग की है।

पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने पत्र में स्पष्ट किया कि आयोग द्वारा जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक अजमेर से 20 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है, लेकिन यह प्रक्रिया न्यायोचित नहीं है, क्योंकि दोनों ही अधिकारी आंदोलन के संदर्भ में पहले ही पक्षकार रह चुके हैं। दोनो अधिकारी न केवल वार्ता विफलता के गवाह रहे हैं, बल्कि जिला कलेक्टर स्वयं अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में उन्हीं के अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा की गई कथित बर्बर कार्रवाई की जांच उन्हीं से कराना निष्पक्षता की भावना के विरुद्ध है।

संभागीय आयुक्त और आईजी से जांच की मांग

अजय शर्मा ने आयोग से आग्रह किया है कि जांच रिपोर्ट जिला कलेक्टर और एसपी के बजाय संभागीय आयुक्त और आईजी अजमेर रेंज से मंगवाई जाए, ताकि जांच निष्पक्ष, वस्तुनिष्ठ और विश्वसनीय हो सके।

आंदोलन के पीछे जिम्मेदार तंत्र की असफलता

पत्र में बताया गया है कि राजस्थान ब्राह्मण महासभा, डॉक्टर एसोसिएशन, एवं आमजन को आंदोलन करना पड़ा क्योंकि प्रशासन ने समय रहते मांगों को नहीं माना। यदि डॉ. शर्मा के मामले में समय रहते उचित कार्रवाई की जाती, तो यह आंदोलन नहीं होता और न ही अजमेर की कानून व्यवस्था को आघात पहुंचता।

अजमेर विकास प्राधिकरण पर गंभीर आरोप

पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने कहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुका है, जहां दलालों के बिना कोई कार्य संभव नहीं होता। उन्होंने सुझाव दिया कि प्राधिकरण पर मुख्य सचिव के नियंत्रण में एक स्वतंत्र अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. कुलदीप शर्मा के मकान को गैरकानूनी रूप से ध्वस्त किया गया, और उनके साथ 20–25 प्राधिकरण कर्मचारियों ने बर्बरता पूर्ण मारपीट की, जिसका वीडियो भी वायरल हो चुका है। केवल टीम को निलंबित करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि पूरे प्रकरण में संलिप्त अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।

मानवाधिकार आयोग का आभार

संघ अध्यक्ष अजय शर्मा ने राज्य मानव अधिकार आयोग द्वारा इस प्रकरण में संज्ञान लेने पर कृतज्ञता प्रकट की है और कहा है कि यह एक सतर्क, न्यायोचित और जनहितकारी पहल है, जो आमजन के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरक सिद्ध होगी।

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