जयपुर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने जयपुर में "वन नेशन, वन इलेक्शन" (एक राष्ट्र, एक चुनाव) अभियान के तहत युवाओं, छात्रों और नवमतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस व्यवस्था से राजनीति में वंशवाद की जड़ें कमजोर होंगी और युवाओं को अधिक अवसर मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि फिलहाल राजनीति में यह चलन बन गया है कि कोई लोकसभा चुनाव जीते तो बेटे को विधानसभा का टिकट दे देता है। खुद हार जाए तो खुद फिर विधानसभा लड़ लेता है। एक साथ चुनाव से इन स्थितियों पर रोक लगेगी और नए चेहरों को मौका मिलेगा।”
पंचायतीराज संस्थान में आयोजित संवाद कार्यक्रम में बंसल ने कहा कि व्यवस्था में बदलाव का विरोध हमेशा उन्हीं लोगों से होता है जो मौजूदा प्रणाली से लाभ उठा रहे हैं। कांग्रेस जैसी परिवारवादी पार्टियां बदलाव से डरती हैं क्योंकि यह उनके वंशवादी राजनीति के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि “वन नेशन वन इलेक्शन” से व्यापारी वर्ग को भी राहत मिलेगी। अब उन्हें हर बार अलग-अलग चुनावों में चंदा नहीं देना होगा। “पांच साल में केवल एक बार सहयोग देना पड़ेगा, जिससे उनके ऊपर आर्थिक दबाव भी कम होगा।” बंसल ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से सरकारें लगातार चुनावी मोड में रहती हैं जिससे विकास कार्यों की गति धीमी पड़ती है। उन्होंने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में ₹1.35 लाख करोड़ खर्च हुए थे, जो एक बड़ी आर्थिक चुनौती है। एक मतदाता के वोट डालने पर औसतन ₹1400 का खर्च चुनाव आयोग द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि लगातार चुनावों से मतदाता उदासीन हो गए हैं, जिससे वोटिंग प्रतिशत घट रहा है। “आज देश में 40 प्रतिशत लोग मतदान नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि हर साल चुनाव होते हैं। एक बार वोट नहीं दिया तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।” उन्होंने विश्वास जताया कि एकसाथ चुनाव से मतदाता गंभीरता से मतदान करेंगे और वोटिंग प्रतिशत में भी वृद्धि होगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने युवा, छात्र एवं नव मतदाता संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक राष्ट्र एक चुनाव महत्वपूर्ण कदम है। देश की समृद्धि के लिए, देश के विकास के लिए और व्यर्थ के खर्चे से बचने के लिए हम सभी को एक मुखी होकर इस जन जागृति अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। देश के विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से संयुक्त संसदीय कमेटी के सामने एक राष्ट्र एक चुनाव के समर्थन में प्रस्ताव जाना चाहिए। यह अभियान सर्वव्यापी अभियान बनाना चाहिए। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र एक राष्ट्र एक चुनाव की दिशा में कार्य कर रहे है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी एक राज्य, एक चुनाव की अवधारणा पर कार्य कर रहे है।
एक राष्ट्र एक चुनाव अभियान के प्रदेश संयोजक सुनील भार्गव ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी। भार्गव ने कहा कि देश में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण संशोधन 129वां विधेयक है। इस विधेयक के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक राष्ट्र एक चुनाव करवाने के पक्ष में है लेकिन सांसदों की मांग पर इस विधेयक को जेपीसी में भेजा गया, जहां पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति बनाई गई थी। इस समिति ने बताया कि एक साथ चुनाव कराने से सरकार का ध्यान विकासात्मक गतिविधियों और जन कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीतियों के कार्यान्वयन पर केंद्रित होगा। चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता के कार्यान्वयन से नियमित प्रशासनिक गतिविधियाँ और विकास संबंधी पहल बाधित होती हैं। यह व्यवधान न केवल महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति में बाधा डालता है, बल्कि शासन संबंधी अनिश्चितता को भी जन्म देता है। एक साथ चुनाव कराने से आचार संहिता के लंबे समय तक लागू होने की संभावना कम होगी, जिससे नीतिगत निर्णय लेने में देर नहीं होगी और शासन में निरंतरता संभव होगी।
संवाद कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल मीणा, नाहर सिंह जोधा, मुकेश दाधीच, प्रदेश मंत्री पिंकेश पोरवाल, पूर्व सांसद रामचरण बोहरा, विधायक कल्पना देवी, भाजपा जयपुर शहर जिलाध्यक्ष अमित गोयल, जयपुर देहात जिलाध्यक्ष राजेश गुर्जर सहित भाजपा के पदाधिकारी, मोर्चा, विभाग और प्रकोष्ठ के संयोजक सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, युवा और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।