जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार द्वारा हाल ही में पारित 'लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान विधेयक 2024' पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ऐसे विधेयक लाने से कई सवाल खड़े हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे लाते हैं, हम इसे बंद कर देते हैं। बिल में क्या लिखा है, ये तो मैंने अभी देखा नहीं है। पता नहीं वे ऐसा क्यों सोचते हैं।
गहलोत रविवार को जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों के परिजनों के सम्मान समारोह में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के लिए जिन क्रांतिकारियों ने प्राणों की आहुति दी, उनका रास्ता बेहद कठिन था। उन्हें यह भी नहीं पता था कि देश को आजादी मिलेगी या नहीं, फिर भी उन्होंने बलिदान दिया। गहलोत ने कहा कि आज देश में जो माहौल बन रहा है, वह चिंताजनक और खतरनाक है। समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। हमें उस सोच को हर हाल में रोकना होगा जो देश को बांटने की ओर ले जाती है।
राजस्थान सरकार द्वारा पारित 'लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान विधेयक 2024' के अंतर्गत, आपातकाल के दौरान 30 दिन या उससे अधिक समय तक जेल में रहे व्यक्तियों को लोकतंत्र सेनानी का दर्जा दिया जाएगा। उन्हें पेंशन और विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। साथ ही, मृत्यु के बाद पेंशन पति/पत्नी को हस्तांतरित होगी। यह विधेयक वर्तमान में 1100 से अधिक लोकतंत्र सेनानियों को लाभ पहुंचाएगा।