



जयपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत और व्यवस्थित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। परिवहन विभाग और ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की हाल ही में हुई बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार, शहर में 700 नई मिनी बसें शुरू की जाएंगी, साथ ही 32 सीटर से बड़ी बसों के संचालन पर रोक लगाई जाएगी। आरटीओ जयपुर इस संबंध में इस महीने से प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।
जयपुर के बाहरी इलाकों में लो-फ्लोर बसों और मिनी बसों की अनुपलब्धता के कारण अब तक यात्रियों को कैब सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ता था। इसे देखते हुए अब इन क्षेत्रों में निजी मिनी बसों का संचालन बढ़ाया जाएगा। साथ ही, शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने के लिए हीरापुरा टर्मिनल से पहले व्यापक कनेक्टिविटी नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इसमें बस, ई-रिक्शा और ऑटो को शामिल किया गया है।
परिवहन विभाग ने यातायात दबाव को कम करने और सड़क सुरक्षा को देखते हुए 32 सीटर से अधिक बसों के परमिट नहीं देने का निर्णय लिया है। यह नियम न केवल निजी बसों पर लागू होगा, बल्कि जेसीटीएसएल की बसों पर भी यही सीमा लागू होगी।
इसके साथ ही शहर में लंबे समय से चल रहे 14 सीटर बड़े ऑटो भी अब इतिहास बनने वाले हैं। विभाग ने इन ऑटो का परमिट रिन्यू नहीं करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में ऐसे करीब 1300 बड़े ऑटो शहर में संचालित हो रहे हैं, जो भीड़भाड़ और प्रदूषण का कारण बन रहे हैं।
वर्तमान में जयपुर की 50 लाख की आबादी के हिसाब से कम से कम 1500 लो-फ्लोर बसों की आवश्यकता है, जबकि मात्र 200 बसें ही सड़कों पर चल रही हैं। शहर में अब तक सिर्फ 25 रूटों पर ही बस संचालन हो रहा है। सरकार के इस नए फैसले से उम्मीद की जा रही है कि शहर में सार्वजनिक परिवहन की स्थिति में बड़ा सुधार आएगा और नागरिकों को बेहतर सुविधा मिलेगी।