जयपुर राजस्थान विधानसभा में सड़कों की मंजूरी में विधायकों की सिफारिश के मुद्दे पर डिप्टी सीएम दीया कुमारी और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बीच तीखी बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष जूली ने आरोप लगाया कि विपक्षी विधायकों की सिफारिशों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने पलटवार करते हुए कहा कि सड़कों की मंजूरी जनप्रतिनिधियों की राय और रिपेयर कमेटी की सिफारिशों के आधार पर की जाएगी।
प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली ने तर्क दिया कि मुख्यमंत्री ने एप्रोप्रिएशन बिल पर बहस के दौरान कहा था कि विधायक जो प्रस्ताव देंगे, उनके आधार पर सड़कें मंजूर की जाएंगी।उन्होंने मांग की कि सड़कों की मंजूरी के लिए कमेटी के बजाय विधायकों की सिफारिशों को प्राथमिकता दी जाए।
डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने स्पष्ट किया कि कमेटी की सिफारिशों और विधायकों की राय के आधार पर निर्णय होगा।
उन्होंने कहा कि अगर कोई सड़क मरम्मत या नई सड़क की मांग करता है, तो उसकी पूरी जांच कर मंजूरी दी जाएगी।
"मैं तीसरी बार रिपीट कर रही हूं कि यदि कोई सड़क का प्रस्ताव आता है, तो पूरी जांच के बाद उसे मंजूर करेंगे," उन्होंने कहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार में भी सड़क मंजूरी के लिए कमेटी बनाई गई थी, लेकिन तब भाजपा विधायकों की सिफारिशें नहीं मानी जाती थीं।
सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि पिछली सरकार में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती थी। उन्होंने कहा किआपकी सरकार में भी भाजपा विधायकों की सिफारिशों को नजरअंदाज किया जाता था।"
डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने यह भी कहा कि इस बार बिना किसी भेदभाव के सड़कों की मंजूरी दी जाएगी, और कांग्रेस विधायकों ने भी माना है कि इस बार का बजट पहले से बेहतर है।