जयपुर राजस्थान में बजरी खनन को लेकर सियासत गरमा गई है। विपक्ष के आरोपों पर भाजपा ने बुधवार को पलटवार किया। भाजपा प्रदेश कार्यालय में खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा और भाजपा विधायक कैलाश वर्मा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में बजरी माफियाओं को खुली छूट मिली थी, जबकि भाजपा सरकार इस पर सख्त कार्रवाई कर रही है।
"गहलोत सरकार में माफियाओं को खुली छूट"
भाजपा विधायक कैलाश वर्मा ने कहा कि कांग्रेस राज में खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर उनके ही पार्टी के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने गंभीर आरोप लगाए थे।गहलोत सरकार के दौरान पूरे प्रदेश में बजरी की लूट मची हुई थी, और माफियाओं को खुली छूट दी गई थी।
भजनलाल सरकार में अवैध खनन पर कसी गई लगाम"
जब खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं।अब माफिया भी समझ चुका है कि राजस्थान में पहले जैसा शासन नहीं, जहां लूट चलती थी।
जब खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा से पूछा गया कि खुद भाजपा सरकार के मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने टोंक जिले में बजरी खनन का मुद्दा उठाया था, तो उन्होंने कहा कि सरकार ने इस पर तत्काल कार्रवाई की।टोंक जिले में चेक पोस्ट स्थापित कर दी गई है और पिछले 15 दिनों में 10 अवैध खनन के मामले दर्ज किए गए हैं।अब वहां से किसी तरह की नई शिकायत नहीं आ रही है।
कांग्रेस vs भाजपा: आंकड़ों में बड़ा फर्क
वर्ष 2023 (कांग्रेस सरकार) बनाम 2024 (भाजपा सरकार) बजरी खनन पर कार्रवाई के आंकड़े:
खाद्य आपूर्ति मंत्री गोदारा ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार की तुलना में अवैध खनन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।
"हमारी सरकार ने सिर्फ 1 साल में कांग्रेस शासनकाल की तुलना में 4 गुना ज्यादा अवैध बजरी जब्त की।"
कांग्रेस सरकार में बजरी माफियाओं को खुली छूट दी गई थी। भजनलाल सरकार ने अवैध खनन पर प्रभावी कार्रवाई की है।2024 में भाजपा सरकार ने कांग्रेस की तुलना में ज्यादा मुकदमे दर्ज किए और माफियाओं पर शिकंजा कसा। टोंक जिले में किरोड़ीलाल मीणा की शिकायत पर भी त्वरित कार्रवाई की गई।अब अवैध बजरी खनन करने वालों की धरपकड़ जारी रहेगी।