Saturday, 15 March 2025

जिला उपभोक्ता आयोग ने जेडीसी आनंदी, जेडीए सचिव निशांत जैन और जोन उपायुक्त राकेश मीना के खिलाफ 10-10 हजार रुपये के जमानती वारंट जारी किए, 29 मार्च को तलब


जिला उपभोक्ता आयोग ने जेडीसी आनंदी, जेडीए सचिव निशांत जैन और जोन उपायुक्त राकेश मीना के खिलाफ 10-10 हजार रुपये के जमानती वारंट जारी किए, 29 मार्च को तलब

जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-द्वितीय ने अदालती आदेश की अवहेलना करने पर जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया है। आयोग ने जेडीसी आनंदी, जेडीए सचिव निशांत जैन और जोन उपायुक्त राकेश मीना के खिलाफ 10-10 हजार रुपये के जमानती वारंट जारी किए हैं और उन्हें 29 मार्च को आयोग में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। यह आदेश आयोग के अध्यक्ष ग्यारसीलाल मीना ने नकुलेश्वर दत्त द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

क्या है मामला?

आवेदक नकुलेश्वर दत्त ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि जेडीए ने 29 अक्टूबर 2024 को पारित आदेश के बावजूद उनका भूखंड कब्जे में नहीं दिया और न ही जमा करवाई गई राशि लौटाई।

आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि:

  • एक महीने के भीतर आवेदक को भूखंड का कब्जा दिया जाए।
  • यदि भूखंड नहीं दिया जा सकता तो जमा कराई गई ₹6,88,532 की राशि 18% ब्याज सहित लौटाई जाए।
  • परिवाद दायर करने की तारीख से प्रतिदिन ₹1,000 हर्जाना और ₹5.21 लाख रुपए क्षतिपूर्ति दी जाए।

जेडीए की लापरवाही

परिवादी ने जेडीए की सीकर रोड स्थित रजत विहार आवासीय योजना में भूखंड के लिए आवेदन किया था। भूखंड आवंटित होने के बावजूद जेडीए ने उसे कब्जा नहीं दिया और न ही जमा की गई राशि लौटाई। जेडीए की इस लापरवाही और सेवा दोष को लेकर परिवादी ने उपभोक्ता आयोग में याचिका दायर की, जिसमें आयोग ने परिवादी के पक्ष में फैसला सुनाया। लेकिन आदेश का पालन नहीं होने पर अब आयोग ने जेडीए के शीर्ष अधिकारियों को वारंट जारी कर तलब किया है।

क्या होगा आगे?

अब जेडीए अधिकारियों को 29 मार्च को आयोग के समक्ष पेश होना होगा। यदि वे अदालत में हाजिर नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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