राजस्थान में पेपर लीक घोटाले को लेकर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ.सतीश पूनिया ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद SIT जांच की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता से चल रही है और जो भी दोषी होगा, उसे कानून के दायरे में लाकर सख्त सजा दी जाएगी।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने रीट पात्रता परीक्षा 2025 के सफल आयोजन को लेकर भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार जताते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ पूनिया ने कहा कि रीट परीक्षा निर्विघ्न रूप से आयोजित करवाने पर प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का बहुत बहुत आभार और धन्यवाद। भाजपा सरकार ने प्रदेशभर में शांतिपूर्ण रूप से रीट परीक्षा करवाई। जबकि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में रीट का पेपर आउट हुआ था और प्रदेश के 70 लाख से अधिक युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया था। गहलोत के कार्यकाल में रीट ही नहीं, पटवारी भर्ती, कांस्टेबल भर्ती, जेईएन भर्ती, एसआई भर्ती, लाईब्रेरियन भर्ती, वनरक्षक सहित 19 परीक्षाओं के पेपरलीक हुए। इसका नतीजा यह हुआ कि गहलोत के पाप का दंड राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर करके दिया।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस राज में प्रदेश में अराजकता का माहौल हो गया था। पेपरलीक की गूंज देशभर में पहुंची और राजस्थान पेपरलीक के मामले में देशभर में बदनाम हुआ। इसके लिए गहलोत और कांग्रेस सरकार सीधे तौर पर दोषी थी, लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ना केवल रीट परीक्षा का सफल आयोजन करवाया, बल्कि आरएएस भर्ती परीक्षा भी शांतिपूर्ण संपन्न करवाई। इतना ही नहीं, कांग्रेस राज में भर्ती परीक्षाओं के दौरान प्रदेश में घंटों नेटबंदी की जाती रही, जिससे आमजन परेशान हुआ और करोड़ों रूपए का व्यापार भी प्रभावित हुआ, लेकिन भाजपा सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के दौरान नेटबंदी पर रोक लगाई। कश्मीर में आतंकवाद जैसी घटनाओं को रोकने के लिए नेटबंदी करने पर कांग्रेसी नेताओं द्वारा मुद्दा बनाया जाता था, लेकिन बाद में इन्हीं कांग्रेसियों ने परीक्षाओं में नेटबंदी करना शुरू कर दिया था। भाजपा सरकार ने रीट और आरएएस भर्ती परीक्षा बिना नेटबंदी के शांतिपूर्ण संपन्न करवाई।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि भाजपा सरकार ने संकल्प पत्र की घोषणा के अनुरूप कार्य करते हुए पेपरलीक माफियाओं के खिलाफ एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने पेपर लीक से संबंधित 144 प्रकरणों में अनुसंधान किया जा रहा है। इनमें से 98 प्रकरण एसआईटी के गठन के बाद एसओजी में दर्ज किए गए, 23 प्रकरण का एसओजी द्वारा एसआईटी के गठन से पहले अनुसंधान किया जा रहा है। एसआईटी में अनुसंधान के 57 प्रकरणों में अब तक 329 लोग गिरफ्तार किए जा चुके है। जबकि 146 लोग न्यायिक अभिरक्षा में है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार के कार्यकाल में 100 से अधिक भर्ती परीक्षाओं के पेपर आयोजित किए गए, लेकिन एक भी पेपर लीक की घटना सामने नहीं आई। इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अभिनंदन करता हूं।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार पेपर लीक मामलों को लेकर पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने कहा कि जो भी इसमें शामिल होगा, चाहे वह कोई भी हो, किसी भी पद पर हो, उसे सजा जरूर मिलेगी। सरकार अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटेगी।