इस चुनाव में AAP को करारा झटका लगा है। नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल और जंगपुरा सीट से मनीष सिसोदिया चुनाव हार गए हैं। इसके अलावा, AAP के बड़े चेहरे जैसे आतिशी, सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती, सौरभ भारद्वाज, अमानतुल्लाह खान और अवध ओझा भी पीछे चल रहे हैं।
इस चुनाव में भाजपा के वोट शेयर में 9% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, AAP को करीब 10% वोटों का नुकसान हुआ है। कांग्रेस को भले ही एक भी सीट नहीं मिल रही, लेकिन उसका वोट शेयर 2% बढ़ा है।
2020 के विधानसभा चुनाव में AAP को 62 और भाजपा को 8 सीटें मिली थीं, जबकि इस बार भाजपा को 40 सीटों का फायदा हुआ है और वह 46 सीटों पर आगे चल रही है। दूसरी ओर, AAP को 40 सीटों का नुकसान हुआ है। कांग्रेस इस बार भी शून्य पर ही सिमटती नजर आ रही है।
भ्रष्टाचार के आरोप:दिल्ली में शराब नीति घोटाले, स्कूल निर्माण घोटाले और बिजली सब्सिडी घोटाले को लेकर AAP सरकार पर लगातार आरोप लगते रहे।
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा का प्रभाव:भाजपा ने इस चुनाव में मोदी लहर और मजबूत संगठन के दम पर AAP को बड़ा झटका दिया।
सीधी टक्कर में AAP पिछड़ी:इस बार कांग्रेस कमजोर रही, जिससे पूरा मुकाबला AAP बनाम भाजपा बन गया, और भाजपा का वोट शेयर बढ़ गया।
सांसदों और विधायकों की गिरफ्तारी:AAP के कई बड़े नेताओं की गिरफ्तारी (सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया) भी पार्टी की छवि पर नकारात्मक असर डाल गई।
पीएम नरेंद्र मोदी:"दिल्ली की जनता ने बदलाव का फैसला किया है। भाजपा की सरकार जनता के विश्वास पर खरी उतरेगी।"
गृहमंत्री अमित शाह:"AAP के भ्रष्टाचार को दिल्ली की जनता ने नकार दिया है। यह भाजपा की नीतियों की जीत है।"
AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल:"जनता का फैसला स्वीकार है। हम अपनी कमियों पर विचार करेंगे।"
दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती जारी है। रुझानों में भाजपा 45 सीट और आम आदमी पार्टी (AAP) 24 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस को 1 सीट पर बढ़त है। यानी रुझानों में भाजपा बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है।
चुनाव आयोग ने 62 सीटों के रुझान जारी किए हैं। इसके मुताबिक, भाजपा 39 और AAP 23 सीटों पर आगे है। EC के मुताबिक भी रुझानों में भाजपा को बहुमत मिल रहा है।
नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) के अरविंद केजरीवाल 254 वोट से आगे चल रहे हैं। पहले केजरीवाल पीछे चल रहे थे। कालकाजी सीट से आतिशी अभी भी पीछे चल रही हैं। जंगपुरा से मनीष सिसोदिया और पटपड़गंज से अवध ओझा आगे चल रहे हैं। पहले ये भी पीछे चल रहे थे।
दिल्ली में 5 फरवरी को 70 सीटों पर 60.54% मतदान हुआ था। 14 एग्जिट पोल आए। 12 में भाजपा और 2 में केजरीवाल की सरकार बनने का अनुमान जताया गया।
दोपहर 12 बजे तक दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी, यह साफ हो जाएगा।
काउंटिंग से कुछ देर पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री और कालकाजी से AAP कैंडिडेट आतिशी ने कहा, "यह सामान्य चुनाव नहीं है, ये अच्छे और बुरे के बीच की लड़ाई है। दिल्ली की जनता AAP और केजरीवाल के साथ खड़ी है। केजरीवाल चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे।"
दिल्ली चुनाव: कई सीटों पर रोचक मुकाबला, AAP और बीजेपी में कांटे की टक्कर
दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। जनकपुरी से AAP के प्रवीण कुमार आगे चल रहे हैं, वहीं करावल नगर से बीजेपी के कपिल मिश्रा बढ़त बनाए हुए हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना में सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हो रही है। इसके बाद ईवीएम खोली जाएंगी और मतगणना तेजी से आगे बढ़ेगी। माना जा रहा है कि कुछ ही देर में शुरुआती रुझान सामने आने लगेंगे। पोस्टल बैलेट की गिनती में केजरीवाल, आतिशी और सिसोदिया तीनों पिछड़ गए हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना में पहला रुझान सामने आ गया है। शुरुआती रुझानों में बीजेपी ने 4 सीटों पर बढ़त बना ली है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) 1 सीट पर आगे है। सभी 70 सीटों पर गिनती जारी है और जल्द ही अधिक स्पष्ट रुझान सामने आने की उम्मीद है।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के नतीजे की घड़ी आ गई है। सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो गई है। काउंटिंग के लिए राजधानी में तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। वोटों की गिनती 11 जिलों के 19 काउंटिंग सेंटरों पर हो रही है, जहां प्रत्येक केंद्र पर दो अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान हुआ था, जिसमें कुल 60.54 प्रतिशत वोट पड़े। अब हर किसी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी या भारतीय जनता पार्टी (BJP) 27 साल के सत्ता के सूखे को खत्म करेगी।
कांग्रेस, जो पिछले दो चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई, को भी इस चुनाव से काफी उम्मीदें हैं। मतगणना के दौरान कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं, और रुझान जल्द ही सामने आने शुरू हो जाएंगे।
दिल्ली की जनता अब बेसब्री से यह जानने का इंतजार कर रही है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। क्या AAP फिर से सत्ता में लौटेगी, या बीजेपी कोई बड़ा उलटफेर करेगी? कांग्रेस की वापसी की भी संभावनाएं अब नतीजों पर निर्भर हैं।