जयपुर में सूर्य सप्तमी के अवसर पर मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में क्रीड़ा भारती संगठन द्वारा सामूहिक 'सूर्य नमस्कार' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 108 साधकों ने एक साथ सूर्य नमस्कार किया, जिसमें विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास किया गया।
इस कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि 'सूर्य नमस्कार' भारतीय संस्कृति से जुड़ी महान योग परंपरा है और यह स्वास्थ्य के लिए वरदान है।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अपने संबोधन में कहा कि'सूर्य नमस्कार' योग की शुरुआत का आधार होता है और शरीर व मन को स्वस्थ रखता है।यह मानव शरीर की ऊर्जा को जागृत करता है और तन-मन को सशक्त बनाता है।प्रतिदिन 'सूर्य नमस्कार' करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।योग केवल आसन नहीं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव लाने का एक माध्यम है।
उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हर व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में सूर्य नमस्कार को शामिल करना चाहिए और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए।
सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक संयोजन है, जो शरीर को लचीला, मजबूत और ऊर्जावान बनाता है।नियमित अभ्यास से रक्त संचार बेहतर होता है और तनाव कम होता है।यह शरीर को आंतरिक ऊर्जा से जोड़ने और मानसिक शांति प्रदान करने का माध्यम है।
स्कूलों और कॉलेजों में नियमित योग कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों को योग अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।इस आयोजन में योग प्रशिक्षक, शिक्षाविद्, छात्र और कई गणमान्य लोग शामिल हुए।