Friday, 10 January 2025

वैश्विक प्रतिष्ठा प्राप्त एनएफएसयू गांधीनगर: फॉरेंसिक साइंस में असीमित संभावनाएं


वैश्विक प्रतिष्ठा प्राप्त एनएफएसयू गांधीनगर: फॉरेंसिक साइंस में असीमित संभावनाएं

फॉरेंसिक साइंस, जिसे न्यायालयिक विज्ञान भी कहा जाता है, आज के तकनीकी युग में अपराध जांच और अनुसंधान के लिए सबसे महत्वपूर्ण विषय बन गया है। यह विज्ञान अपराधों की जांच, साक्ष्य के विश्लेषण, और सत्य तक पहुंचने की प्रक्रिया को सुगम बनाता है।

फॉरेंसिक साइंस का कार्यक्षेत्र अपराध के मामलों में साक्ष्य का वैज्ञानिक विश्लेषण करना है। इसमें फिंगरप्रिंट, डीएनए जांच, और सीन रीक्रिएशन जैसी तकनीकों का उपयोग होता है। अपराधों के बढ़ते जटिल स्वरूप को देखते हुए यह विषय आज युवाओं के लिए करियर और अनुसंधान का एक आकर्षक क्षेत्र बन चुका है।

नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू), गांधीनगर, फॉरेंसिक साइंस के अध्ययन और अनुसंधान का विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थान है। यहां देश-विदेश के विद्यार्थी फॉरेंसिक साइंस के विभिन्न पहलुओं का गहन अध्ययन करते हैं।

प्रवेश प्रक्रिया: एनएफएसयू में सीमित सीटें हैं, जिनके लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है।

तकनीकी नवाचार: विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीक और अनुसंधान के जरिए प्रशिक्षित किया जाता है।

संबद्ध संस्थान: एनएफएसयू से जुड़े अन्य संस्थान, जैसे नर नारायण शास्त्री इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद, भी फॉरेंसिक साइंस में अग्रणी हैं।

रवि कुमार (तकनीकी विशेषज्ञ): फॉरेंसिक साइंस लगातार अपडेट हो रहा है। डीएनए जांच और फिंगरप्रिंट विश्लेषण जैसे अत्याधुनिक तरीकों से कई जटिल अपराध सुलझाए गए हैं।

डॉ. गीता गुप्ता: अपराधों की जांच में अपराधी के तौर-तरीकों का विश्लेषण और साक्ष्य की बारीकी से जांच महत्वपूर्ण है।

एरोमल वेणुगोपाल: फॉरेंसिक तकनीकी ने अपराध जांच को सुगम और सटीक बना दिया है।

संस्थान के कैंपस डायरेक्टर संजय शर्मा कहते हैं कि देश और दुनिया में आ रहे बदलाव और नवीनतम सुविधाओं व गैजेट्स की उपलब्धता के साथ हर कार्य क्षेत्र में बदलाव आया है l अपराधों के मामले में भी नित नई कार्य पद्धति के माध्यम से काम करने की सूचनाओं मिलती है जिसे देखते हुए फॉरेंसिक साइंस के विषय के माध्यम से ही इनके अनुसंधान और जांच की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है ।

फॉरेंसिक साइंस का भविष्य: तकनीकी विकास के साथ फॉरेंसिक साइंस की संभावनाएं बढ़ रही हैं।इंडस्ट्री 4.0 के दौर में, डिजिटल और साइबर अपराधों की जांच के लिए यह अनिवार्य हो गया है।फॉरेंसिक साइंस के नवाचार न केवल न्याय व्यवस्था को मजबूत बना रहे हैं, बल्कि अपराध नियंत्रण में भी मदद कर रहे हैं।

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