राजस्थान के कोटपूतली में बोरवेल में गिरी 8 वर्षीय चेतना को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। शनिवार को एनडीआरएफ के 2 जवान 170 फीट गहराई में उतरे और 10 फीट की सुरंग खोदने में जुटे हैं। उनकी सुरक्षा के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौती: जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने इसे राजस्थान का अब तक का सबसे गहराई वाला और मुश्किल ऑपरेशन बताया है।बारिश और बोरवेल के पास की हार्ड परतें रेस्क्यू कार्य को धीमा कर रही हैं। एनडीआरएफ की 6 सदस्यीय टीम दो-दो के बैच में बारी-बारी से नीचे जाकर खुदाई कर रही है।
परिवार का दर्द और प्रशासन पर सवाल: चेतना के ताऊ शुभराम ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी स्पष्ट जवाब नहीं देते।चेतना की मां धोली देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वे बार-बार हाथ जोड़कर बच्ची को बचाने की गुहार लगा रही हैं।
जिला प्रशासन का बयान: जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि बोरवेल के पास समानांतर गड्ढा खोदकर एल आकार की सुरंग बनाई जा रही है।एनडीआरएफ के जवान मैनुअल ड्रिल कर रहे हैं, और सभी आवश्यक उपकरण उन्हें भेजे जा रहे हैं। कलक्टर ने कहा कि ऑपरेशन पूरा होने में 7-8 घंटे लग सकते हैं।
लाइव ऑपरेशन का दृश्य: चेतना के दादाजी को रेस्क्यू ऑपरेशन का लाइव दृश्य स्क्रीन पर दिखाया गया। मौके पर कोटपूतली विधायक हंसराज पटेल भी मौजूद थे।
रेस्क्यू टीम का प्लान: एनडीआरएफ की टीम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सुरंग खोदने का कार्य कर रही है। टीम ने कठिनाई को देखते हुए प्लान में बदलाव किया है और बारिश के बीच ऑपरेशन को सुरक्षित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।
घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और परिवारजन मौजूद हैं। सभी लोग बच्ची के सकुशल बाहर आने की प्रार्थना कर रहे हैं।