Wednesday, 01 January 2025

रेप के दोषी फलाहारी बाबा को हाईकोर्ट के आदेश पर जयपुर की खुली जेल में किया शिफ्ट


रेप के दोषी फलाहारी बाबा को हाईकोर्ट के आदेश पर जयपुर की खुली जेल में  किया शिफ्ट

रेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे फलाहारी बाबा को हाईकोर्ट के आदेश पर अलवर सेंट्रल जेल से जयपुर की खुली जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। यह निर्णय बाबा की याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा ओपन एयर कैंप समिति के आदेश को रद्द करने के बाद लिया गया।

फलाहारी बाबा का मामला:अपराध: उड़ीसा की एक युवती ने आरोप लगाया था कि फलाहारी बाबा ने अलवर के आश्रम में 2017 में उसके साथ रेप किया।

गिरफ्तारी और सजा: पुलिस ने बाबा को 23 सितंबर 2017 को गिरफ्तार किया। ट्रायल के बाद 26 सितंबर 2018 को अदालत ने बाबा को उम्रकैद की सजा सुनाई।

हाईकोर्ट का आदेश: बाबा की याचिका पर हाईकोर्ट ने ओपन एयर कैंप समिति के आदेश को रद्द करते हुए उन्हें खुली जेल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया।जेल प्रशासन द्वारा आदेश की पालना न करने पर याचिकाकर्ता ने अदालत में अवमानना याचिका दायर की। इसके बाद हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन को अवमानना नोटिस जारी किया, जिसके बाद बाबा को खुली जेल में शिफ्ट किया गया।

पैरोल और वकील की दलील:अप्रैल 2023 में बाबा को 20 दिन की पैरोल मिली थी।वकील विश्राम प्रजापति ने कोर्ट में दलील दी कि बाबा 7 साल से जेल में हैं। सोशल वेलफेयर विभाग और जेल अधीक्षक की रिपोर्ट उनके पक्ष में है।सरकारी वकील ने पैरोल का विरोध करते हुए कहा कि इस प्रकार के गंभीर मामले में सजा भुगत रहे व्यक्ति के बाहर आने से समाज पर गलत असर पड़ सकता है।

फलाहारी बाबा की खुली जेल में शिफ्टिंग:बाबा को जयपुर की खुली जेल में शिफ्ट किया गया है।खुली जेल में बाबा को नियमों के तहत रहना होगा, जिसमें उन्हें स्वयं भोजन की व्यवस्था करनी होती है और बाहरी दुनिया के साथ सीमित संपर्क की अनुमति होती है।

समाज और सुरक्षा पर बहस:फलाहारी बाबा की खुली जेल में शिफ्टिंग को लेकर समाज में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां समर्थक इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा मानते हैं, वहीं आलोचक इसे अपराध के प्रति नरमी के रूप में देखते हैं।


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