Sunday, 29 December 2024

मुख्यमंत्री शर्मा की कैबिनेट में अहम फैसले: 9 नए जिले और 3 संभाग खत्म किए, राजस्थान में अब 41 जिले और 7 संभाग


मुख्यमंत्री शर्मा की कैबिनेट में अहम फैसले: 9 नए जिले और 3 संभाग खत्म किए, राजस्थान में अब 41 जिले और 7 संभाग

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य प्रशासनिक और विकास योजनाओं से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में युवाओं, कर्मचारियों और प्रदेश के सुशासन को ध्यान में रखते हुए नए निर्णय किए गए। विधि मंत्री जोगाराम पटेल और खाद आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने संवाददाता सम्मेलन मेंमंत्रिमंडल के फैसलों किए जानकारी दी। विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि नए जिलों और संभागों का पुनर्निर्धारण: कुल 41 जिले और 7 संभाग: गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों और 3 संभागों का पुनः निर्धारण किया गया।

9 जिले समाप्त: अनूपगढ़, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीम का थाना, सांचौर और शाहपुरा।

3 संभाग समाप्त: बांसवाड़ा, पाली, सीकर।

8 नए जिले रहेंगे: फलौदी, बालोतरा, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, सलूम्बर।

सीईटी स्कोर की वैधता तीन वर्ष:समान पात्रता परीक्षा (CET) के स्कोर की वैधता 1 वर्ष से बढ़ाकर 3 वर्ष कर दी गई।

इससे परीक्षार्थियों पर अतिरिक्त बोझ कम होगा और बोर्ड के लिए वित्तीय भार भी घटेगा।

पंचायत समितियों और जिला परिषदों का पुनर्गठन:जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा।नए जिलों में प्रशासनिक ढांचा तैयार करने के लिए वित्तीय संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

कर्मचारी कल्याण के लिए फैसले:एमएसीपी सुधार: मिनिमम एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (एमएसीपी) पर परिनिंदा के दंड का प्रभाव समाप्त किया गया।

पशुधन सहायक के पदनाम में बदलाव:पशुधन सहायक का नया पदनाम "पशुधन निरीक्षक" होगा।पशुचिकित्सा सहायक का नया पदनाम "पशुधन प्रसार अधिकारी" होगा।

उच्च शिक्षा में सुधार:चुरू के सिद्धमुख राजकीय महाविद्यालय का नाम बदलकर "श्रीमती शकुंतला देवी राजकीय महाविद्यालय, सिद्धमुख" किया गया।

कर्मचारियों और छात्रों के लिए लाभ:छात्रावास अधीक्षक (पुरुष/महिला) ग्रेड-2 को सीईटी की अनुसूची में शामिल किया गया।नए नियमों के तहत पशुधन सहायक संवर्ग को तीसरी पदोन्नति का अवसर मिलेगा।

विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर निर्णय:

राज्य सरकार ने डॉ. ललित के. पंवार की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की थी। समिति ने पाया कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए नए जिले और संभाग प्रशासनिक और वित्तीय दृष्टि से अव्यावहारिक थे।


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