हनुमानगढ़ पुलिस ने ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत करोड़ों की साइबर ठगी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में एक डॉक्टर और फर्जी फर्म के डायरेक्टर सहित दो आरोपियों को धौलपुर से गिरफ्तार किया गया है। गिरोह पर 16 राज्यों में 51 साइबर फ्रॉड मामलों में शामिल होने का आरोप है। ठगी की कुल राशि 10 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
केस का विवरण: एसपी अरशद अली ने बताया कि परिवादी सुनील कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसे टेलीग्राम एप पर एक अज्ञात नंबर से मैसेज मिला, जिसमें दोस्त की फोटो लगी हुई थी। इसे दोस्त समझकर उसने अपनी जानकारी साझा की। आरोपी ने उसे ट्रेडिंग के माध्यम से प्रतिदिन 2-3 लाख रुपये कमाने का झांसा दिया और 94.7 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए।
पुलिस ने शिकायत दर्ज कर इंस्पेक्टर रणवीर सिंह बेनीवाल के नेतृत्व में जांच शुरू की।
आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी:जांच के दौरान फर्जी फर्म सुधीर इंटरप्राइजेज के नाम पर खुले बैंक खातों का उपयोग ठगी में किया गया।सुधीर यादव (34): फर्जी फर्म के डायरेक्टर, निवासी कायस्थ पाड़ा, थाना निहालगंज, धौलपुर।डॉक्टर आनंद सोनी (39): मुख्य सहयोगी, निवासी तलैया रोड, थाना निहालगंज, धौलपुर। दोनों को गिरफ्तार कर 10 लाख रुपये की राशि परिवादी के खाते में वापस करवाई गई।
गिरोह की कार्यप्रणाली:भारत सरकार के उद्यम पोर्टल पर फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन करवाया।फर्म के नाम से मोहर बनाकर बैंक में करंट अकाउंट खोला।इन खातों का उपयोग साइबर ठगी में किया गया।
51 साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज: साइबर पुलिस पोर्टल पर आरोपियों के खातों की जांच में 16 राज्यों से कुल 51 मामले सामने आए। इनमें ठगी की राशि 10 करोड़ 1 लाख 80 हजार 865 रुपये है। महाराष्ट्र: 9 मामले,तेलंगाना: 7 मामले,आंध्र प्रदेश: 6 मामले,कर्नाटक: 5 मामले,तमिलनाडु: 4 मामले राजस्थानऔर केरल: 3-3 मामले,उत्तर प्रदेश, दिल्लीऔर गुजरात: 2-2 मामले अन्य राज्यों से 1-1 मामला दर्ज है ।
पुलिस की टीम: इस ऑपरेशन में साइबर पुलिस थाना की टीम शामिल रही, जिसमें इंस्पेक्टर रणवीर सिंह बेनीवाल, हेड कांस्टेबल विजय आनंद, कांस्टेबल प्रमोद कुमार, पंकज कुमार, और गजराज सिंह ने अहम भूमिका निभाई।