राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में जीतकर आए विधायकों को मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के चैंबर में शपथ दिलाई गई। इस दौरान खींवसर सीट से विजयी बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा का अनोखा अंदाज देखने को मिला, जब वे ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा पहुंचे। सात सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने पांच, कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) ने एक-एक सीट जीती। इन उपचुनावों के बाद विधानसभा में कुल 200 विधायकों की संख्या पूरी हो गई है।
विधायकों ने ली शपथ
शपथ लेने वालों में खींवसर से हनुमान बेनीवाल की पत्नी को हराने वाले बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा, झुंझुनूं से बीजेपी के राजेंद्र भांबू, सलूंबर की शांता देवी मीणा और रामगढ़ के सुखवंत सिंह शामिल थे। दौसा से कांग्रेस विधायक दीनदयाल बैरवा, जिन्होंने मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई को हराया, और चौरासी से बीएपी के अनिल कटारा ने भी शपथ ग्रहण किया।
उपचुनाव का परिणाम और असर
उपचुनाव के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी ने देवली-उनियारा, झुंझुनूं और रामगढ़ सीटें गंवा दीं और केवल दौसा सीट ही बरकरार रख सकी। कांग्रेस के पास उपचुनाव से पहले चार सीटें थीं, जिनमें से तीन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर, बीजेपी को बड़ी बढ़त मिली। पार्टी के पास पहले केवल सलूंबर सीट थी, लेकिन अब उसने पांच सीटों पर कब्जा जमाया।
हनुमान बेनीवाल की पार्टी को नुकसान
खींवसर सीट पर हार के बाद हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) का राजस्थान विधानसभा में कोई विधायक नहीं बचा।
बीजेपी को मजबूती, कांग्रेस को झटका
उपचुनाव के नतीजों से स्पष्ट है कि बीजेपी ने राज्य में अपना जनाधार मजबूत किया है। वहीं, कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।