देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान देवली क्षेत्र के समरावता और बीसलपुर गांव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। बीसलपुर गांव में एक भी वोट नहीं डाला गया, जबकि समरावता गांव में मतदान प्रक्रिया को समझाने पहुंचे मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने कथित रूप से थप्पड़ मार दिया। इस घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया, लेकिन दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद से समरावता में मतदान प्रक्रिया शुरू हो पाई। मतदान समाप्ति के समय के बाद भी इस केंद्र पर मतदान जारी रखा गया।
चुनाव नियंत्रण कक्ष के अनुसार, देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में शाम 6 बजे तक कुल मतदान प्रतिशत 65.14% रहा। इस दौरान सुबह से शाम तक मतदान का क्रमिक बढ़ाव दर्ज किया गया, जिसमें सुबह 9 बजे तक 8.53%, 11 बजे तक 22.69%, दोपहर 1 बजे तक 37.78%, दोपहर 3 बजे तक 49.82%, और शाम 5 बजे तक 60.61% मतदान हुआ। हालांकि, समरावता और बीसलपुर में मतदान का बहिष्कार इस उपचुनाव के दौरान प्रमुख घटनाओं में से रहा।
बीसलपुर गांव में ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। ग्रामीणों ने प्रशासन से कई बार अपनी समस्याएं साझा कीं, लेकिन निराकरण न होने से वे नाखुश थे और उन्होंने वोट न देने का फैसला किया। समरावता में भी मतदान बहिष्कार के बाद तनावपूर्ण स्थिति बनी रही, जिसमें निर्दलीय प्रत्याशी द्वारा एसडीएम के साथ दुर्व्यवहार की घटना ने प्रशासन को चुनौतीपूर्ण स्थिति में डाल दिया।
इस बीच, देवली-उनियारा उपचुनाव में कुल मतदान प्रतिशत संतोषजनक रहा, लेकिन कुछ क्षेत्रों में बहिष्कार और गुस्से का प्रदर्शन चुनावी प्रक्रिया में एक बाधा बना रहा। प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर ग्रीन थीम आधारित सजावट की गई और सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया गया। मतदाताओं के स्वागत के लिए नव मतदाताओं को माला पहनाई गई और बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए स्काउट और गाइड सक्रिय रहे।
उल्लेखनीय है कि रमजानगंज ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने पेयजल की समस्या के विरोध में मतदान का बहिष्कार किया, जिसके चलते कुल 458 मतदाताओं में से केवल 18 ने ही मतदान किया। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से पेयजल समस्या से जूझते आ रहे हैं, परंतु अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है। महिलाओं ने मटकों के साथ प्रदर्शन कर प्रशासन से नाराजगी जाहिर की और बताया कि उन्हें पीने के पानी के लिए एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। तहसीलदार प्रवीण सैनी और निवाई एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन शाम 6 बजे तक बहिष्कार जारी रहा।
मतदान केंद्रों पर युवाओं और महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया। 102 वर्षीय महिला अलादीनी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिन्हें माला पहनाकर मतदान केंद्र पर स्वागत किया गया। इसी तरह, बनठा के बूथ 217 पर दिव्यांग मतदाता धन्नालाल ने स्काउट गाइड की सहायता से ट्राइसाइकिल पर पहुंचकर अपना मतदान किया।
दिनभर मतदान शांतिपूर्ण रहा। सुबह मतदाताओं की धीमी गति के बाद दोपहर में थोड़ी सुस्ती दिखी, लेकिन शाम तक मतदान में फिर तेजी देखी गई। चुनाव के दौरान मतदान अधिकारियों और ग्राम विकास अधिकारियों ने व्यवस्थाओं पर कड़ी नजर बनाए रखी। क्षेत्र के एकमात्र मतदान केंद्र, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय उत्तरी भाग में मतदाताओं की कतारें देखने को मिलीं। पहली बार मतदान करने वाले युवा मतदाताओं में विशेष उत्साह दिखाई दिया।