राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो सांसदहनुमान बेनीवाल द्वारा कांग्रेस पार्टी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर व्यक्तिगत हमले, साथ ही गठबंधन पर सवाल उठाने से राजस्थान में कांग्रेस और गठबंधन की संभावनाओं को झटका लगा है। बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी (बाप) ने चौरासी और सलूंबर सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए, जिससे गठबंधन की चर्चाओं पर स्वतः ही विराम लग गया।
कांग्रेस के भीतर टिकट वितरण को लेकर असंतोष उभरने लगा है। युवा नेता नरेश मीणा ने टिकट के पहले ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने देवली उनियारा सेटिकट की दावेदारी की है और जयपुर में उनके समर्थकों ने पीसीसी वॉर रूम के बाहर नारेबाजी करते हुए बड़ा प्रदर्शन किया। इसके अलावा झुंझुनू विधानसभा सीट पर मुस्लिम न्याय मंच के कार्यकर्ता अल्पसंख्यक समुदाय को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष एमडी चौपदार ने भी अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस वॉर रूम के बाहर प्रदर्शन किया, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति स्पष्ट हो गई है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी हनुमान बेनीवाल से गठबंधन को लेकरकेंद्रीय नेतृत्व को लेकरजो सवाल किए हैं उसे निश्चित तौर पर पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक नजर नहीं आ रहा। उपचुनाव में सातों सीटों को लेकर कांग्रेस की कोर कमेटी ने पैनल दिल्ली भेज दिया है। कांग्रेस की केंद्रीय चयन समिति इस पर निर्णय करेगी। कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यह तो कह दिया है कि क्षेत्र में कामकाज ठीक हुआ है तो उनके पुत्रोंऔर रिश्तेदारों को भी टिकट देने में पार्टी को कोई एतराज नहीं है।
अब यह स्पष्ट होने लगा है कि आने वाले विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस में भी टिकट को लेकर परिवारवाद कायम रहेगा। कांग्रेस विरोध के चलतेघबरा रही है यही कारण है कि टिकट घोषित करने में देरी की जा रही है जिससे कि राजनेता बागी होकर चुनाव नहीं लड़ सके। 25 अक्टूबर को नामांकन की अंतिम तिथि है ऐसे में निर्णय तोकरना ही पड़ेगा।