Saturday, 27 December 2025

मनरेगा खत्म करने के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की जरूरत, SIR लोकतांत्रिक अधिकारों पर साजिश: खड़गे


मनरेगा खत्म करने के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की जरूरत, SIR लोकतांत्रिक अधिकारों पर साजिश: खड़गे

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को निरस्त किए जाने के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों के अधिकारों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

खड़गे ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर करने की सुनियोजित साजिश बताया। उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर यह सुनिश्चित करने की अपील की कि गरीब, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से न हटें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जमीनी स्तर पर सक्रिय होकर लोकतंत्र की रक्षा करनी होगी।

मनरेगा की वैश्विक सराहना, बिना अध्ययन निरस्त करने का आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मनरेगा यूपीए सरकार की एक दूरदर्शी योजना थी, जिसकी सराहना पूरी दुनिया में हुई। इसी प्रभाव के कारण इसका नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया। खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बिना किसी अध्ययन, मूल्यांकन या राज्यों और राजनीतिक दलों से परामर्श किए इस कानून को निरस्त कर दिया। उन्होंने तीन कृषि कानूनों का उदाहरण देते हुए कहा कि जनविरोध के बाद सरकार को उन्हें वापस लेना पड़ा था, उसी तरह मनरेगा को लेकर भी जनता की आवाज बुलंद होगी।

बांग्लादेश और क्रिसमस हमलों पर चिंता

खड़गे ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए कहा कि पूरा देश इस स्थिति को लेकर चिंतित है। साथ ही उन्होंने “भाजपा और आरएसएस से जुड़े संगठनों” पर क्रिसमस समारोहों पर हमलों का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा है और वैश्विक स्तर पर भारत की छवि धूमिल हुई है।

CWC बैठक में बड़े नेता शामिल

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शशि थरूर की मौजूदगी भी चर्चा का विषय रही। इससे पहले वे कांग्रेस की दो बड़ी बैठकों में शामिल नहीं हुए थे। बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (PCC) के अध्यक्ष भी मौजूद रहे। यह बिहार चुनाव में हार के बाद CWC की पहली बैठक है। बैठक के एजेंडे में जी राम जी बिल सहित सरकार के खिलाफ पार्टी के एक्शन प्लान पर चर्चा किए जाने की बात कही गई है।

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