



राजस्थान में आगामी पंचायती राज और शहरी निकाय चुनावों को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है, जिससे साफ संकेत मिल गया है कि चुनाव प्रक्रिया जल्द ही आगे बढ़ने वाली है। आयोग ने सभी जिला कलेक्टरों को मतदान दलों के गठन के निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि मतदान ड्यूटी में महिलाओं, दिव्यांगजनों और केंद्रीय कार्मिकों को शामिल नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही अत्यावश्यक सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को भी चुनाव ड्यूटी से अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं।
निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन में मतदान प्रक्रिया से जुड़े सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं का भी ध्यान रखा गया है। आयोग ने निर्देश दिए हैं कि यदि मतदान केंद्र पर बुर्का या घूंघट में महिला मतदाता आती है, तो उसकी पहचान के लिए स्थानीय महिला कार्मिक की सहायता ली जाएगी, ताकि मतदाता की गरिमा और गोपनीयता बनी रहे। आयोग के अनुसार, प्रत्येक मतदान दल में एक पीठासीन अधिकारी और चार सहायक मतदानकर्मी होंगे। जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच और वार्ड पंच के चुनाव एक साथ होने की स्थिति में सभी पदों का चुनाव एक ही मतदान दल द्वारा कराया जाएगा।
इसके अलावा आयोग ने सभी पंचायत समितियों में निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी है। अब जल्द ही मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। किसी भी आपात स्थिति, पुनर्मतदान या अप्रत्याशित परिस्थिति से निपटने के लिए जिला या ब्लॉक स्तर पर 10 प्रतिशत मतदान दलों को रिजर्व ड्यूटी में रखने के निर्देश दिए गए हैं। निर्वाचन आयोग का कहना है कि इन व्यवस्थाओं का उद्देश्य निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित चुनाव संपन्न कराना है।