Monday, 22 December 2025

अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन संपन्न: केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह ने समाज के लोगों को दिलाई 26 संकल्पों की शपथ, शारदा पीठ करेंगे मूल स्थान पर स्थापित: स्वामी सध्योजात शंकराश्रम महाराज


अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन संपन्न: केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह ने समाज के लोगों को दिलाई 26 संकल्पों की शपथ, शारदा पीठ करेंगे मूल स्थान पर स्थापित: स्वामी सध्योजात शंकराश्रम महाराज

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दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन रविवार को भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस महासम्मेलन में देशभर से आए समाजबंधुओं ने एकजुटता और संगठन क्षमता का परिचय देते हुए राष्ट्रीय स्तर पर एक अनूठी मिसाल कायम की। कार्यक्रम स्थल मारवाड़ इंटर्नशिप सेंटर के परिसर को नो-प्लास्टिक जोन घोषित किया गया, जहां तांबे के लोटों में पानी, स्टील बर्तनों का उपयोग और पारंपरिक मारवाड़ी जायके ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। महासम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से करीब पांच हजार समाजबंधु शामिल हुए।

दूसरे दिन रविवार को सुबह कर्नाटक के शिराली स्थित चित्रापुर मठ के मठाधीश स्वामी सध्योजात शंकराश्रम महाराज के स्वागत उद्बोधन से शुरुआत हुई। महाराज ने कहा कि युवाओं को अध्यात्म से जुड़ना चाहिए, तभी मानसिक रूप से सुदृढ़ होंगे। समाज में अध्यात्म और संस्कारों का पालन करेंगे, तभी व्यापार और शिक्षा में सफल हो पाएंगे।

स्वामी सध्योजात शंकराश्रम महाराज घोषणा करते हुए कहा कि सारस्वत समाजशारदा पीठ की स्थापना अपने मूल स्थान पर ही करेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए संघर्ष की जरूरत पड़ेगी तो हम सब साथ मिलकर करेंगे। उन्होंने कहा कि सारस्वत ब्राह्मण खुद के लिए नहीं समाज के लिए सेवा का काम करता है। 

सारस्वत समाज है सभ्यता, लुप्त हुई सरस्वती नदी फिर से पुनर्जीवित करेंगे: गजेंद्र सिंह शेखावत

केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ब्राह्मण ही सृष्टि के रचियता हैं। उन्होंने कहा कि सारस्वत ब्राह्मण सदियों पहले सभ्यता के रूप में पहचाना जाता था। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इनका वर्चस्व है और त्याग बलिदान के लिए पहचान बनाते हुए देश की संस्कृति को बचाने और समाज के उत्थान का काम किया है।

उन्होंने कहा कि लुप्त हुई सरस्वती नदी को एक बार फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरस्वती का पुत्र ब्राह्मण हमेशा ही समाज के लोगों के सुख के लिए कार्यकर्ता है। 

सारस्वत गौरव ग्रंथ का लोकार्पण,एक हजार ग्रंथ की बुकिंग, अब पहुंचाएंगे शहर और घर तक 

सारस्वत गौरव ग्रंथ का लोकार्पण भी केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत सहित समाजबंधुओं की मौजूदगी में किया । सारस्वत गौरव ग्रंथ को पिछले एक माह से संपादकीय मंडल के डॉ. रामनिवास शर्मा और कैलाश सारस्वत नेतृत्व में तैयार किया गया। इसमें समाज की उत्पति, इतिहास, 40 कुलदेवियों के स्थान-गौत्र सहित समाजबंधुओं की जानकारी और दो दिवसीय सम्मेलन के फोटो सहित जानकारियां शामिल की गई हैं। समारोह में देश-विदेश से आए 1000 से ज्यादा सारस्वत बंधुओ  ने यह ग्रंथ बुक करवाया, जो आगामी दिनों में उनके शहर-घर तक पहुंचाया जाएगा। 

केंद्रीय पर्यटन मंत्री शेखावत ने ब्राह्मणों को 26 संकल्पों की दिलाई शपथ 

उन्होंने सभी समाजबंधुओं को संकल्प पत्र के तहत 26 संकल्पों की शपथ दिलवाई। पहला 2047 तक राष्ट्र को विश्वगुरु बनाने में योगदान, परंपरा का पोषण, सारस्वत सरनेम का प्रयोग, संरक्षण में योगदान, परिवार में सनातन धर्म के लिए संस्कार, प्री वेडिंग शूट बैन, हर आयोजन-विवाह में 12 बजे के बाद कोई कार्यक्रम नहीं, पैरावणी-ओढ़ावणी बैन, जनेऊ धारण करना, समाज-राष्ट्र में योगदान, संस्कार आधारित आयाम स्थापित, शैक्षणिक क्षेत्र में सहायता, प्रबंधन में युवाओं को जागरूक करना, धन का अपव्यय रोकना, विवाह-उत्सव में अन्न जूठा नहीं छोड़ना, समृद्ध समाज का निर्माण, संस्कृति को संरक्षित, राष्ट्र उन्नति में योगदान, अंतरजातीय विवाह पर रोक, प्रतियोगी परीक्षाओं में सहयोग, आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान, महिला-युवा शक्ति को स्वरोजगार, स्वयं के व्यापार में ब्राह्मण-युवाओं को प्राथमिकता का संकल्प दिलाया।

कार्यक्रम में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और केंद्रीय फूड एंड प्रोसेसिंग सचिनअविनाश जोशी ने युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं में आने के लिए प्रेरित करते हुए मार्गदर्शन देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर सारस्वत समाज बच्चों के लिए कोचिंग सेंटर स्थापित करता है तो वह अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि संघर्ष से व्यक्ति का जीवन बेहतर बनता है। सम्मेलन के संयोजक घनश्याम ओझा ने सम्मेलन में आए सारस्वत प्रतिनिधियों का स्वागत किया और कहा कि सभी के सहयोग से यह सम्मेलन ऐतिहासिक बना है।उन्होंने सभी का आभार जताया और कहा कि कोई कमी आ रही होगी तो उसे नहीं भूल कर जाना लेकिन आप सभी काअनुशासन और सहयोग सराहनीय हैं।

महासम्मेलन के दौरान सारस्वत समाजबंधु अपने-अपने क्षेत्रों की पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए। कई परिवारों ने विवाह योग्य रिश्तों को लेकर आपसी संवाद भी किया। समापन अवसर पर बाहर से आए सभी समाजबंधुओं को भोजन पैकेट वितरित कर सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। अंतिम दिन मुख्य संयोजक घनश्याम ओझा, स्वागत अध्यक्ष हस्तीमल सारस्वत और समाज अध्यक्ष आरके ओझा ने देशभर से आई टीमों का स्वागत किया। कार्यक्रम में भाजपा विधायक अतुल भंसाली और देवेंद्र जोशी सहित बड़ी संख्या में शहरवासी उपस्थित रहे। 

महासम्मेलन में सुधीर सारस्वत, कैलाश सारस्वत, मोहित ओझा, डॉ आरएन शर्मा, लक्ष्मीनारायण सारस्वत, रामदेव ओझा, प्रमोद लखनपाल, कैलाश ओझा, नटवर भंडिया, रामदेव ओझा, राजेश सारस्वत, पवन जोशी, राकेश सारस्वत, अंकित ओझा, विशाल सारस्वत, मनीष सारस्वत, मंजू सारस्वत, मधु शर्मा, धर्मेंद्र ओझा, ललित सारस्वत, राकेश ओझा, बबिता, रीना, मनीषा सारस्वत, अंजू मुद्गल आदि ने सहयोग किया। सहयोग देने वाले 370 से अधिक कार्यकर्ताओं, टेंट, इवेंट और सफाईकर्मियों को भी सम्मानित किया गया। अंत में महाप्रसादी के साथ दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सारस्वत ब्राह्मण महासम्मेलन का विधिवत समापन हुआ।

परिवहन व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले राजेश सारस्वत ने बताया कि महासम्मेलन की तैयारियां पिछले एक वर्ष से चल रही थीं, जिसमें समाज के लगभग 200 युवा और 170 महिलाएं व युवतियां सक्रिय रूप से जुटी रहीं।

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