



जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. मनीष अग्रवाल को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। 1 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए डॉ. अग्रवाल को सोमवार को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। डॉ. अग्रवाल 9 अक्टूबर को एसीबी द्वारा ट्रैप किए जाने के बाद से 66 दिनों से जेल में बंद थे।
मामला ब्रेन कॉयल सप्लाई करने वाली एक कंपनी से जुड़ा है। कंपनी के 12.50 लाख रुपए के बिल पास करने के बदले कथित रूप से रिश्वत मांगे जाने पर एसीबी ने कार्रवाई की थी। इसी प्रकरण में सह आरोपी जगत सिंह तंवर को भी हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश दिया।
9 अक्टूबर को एसीबी ने योजना बनाकर कार्रवाई की। जैसे ही टीम ने डॉक्टर को पकड़ने की कोशिश की, उनके एक कर्मचारी ने रिश्वत की रकम एक प्लॉट में फेंक दी, लेकिन टीम ने सतर्कता दिखाते हुए तुरंत पैसे बरामद कर लिए।
इसके बाद एसीबी द्वारा की गई तलाशी में जयपुर स्थित एक फ्लैट, तीन मकान और एक कृषि भूमि सहित कई करोड़ों की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी मिले थे।
गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डॉ. अग्रवाल को निलंबित कर दिया था और निलंबन अवधि के दौरान उनकी उपस्थिति जोधपुर मेडिकल कॉलेज में देने के निर्देश जारी किए थे।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब डॉ. मनीष अग्रवाल की रिहाई का रास्ता साफ हो चुका है। आगे मामले की नियमित सुनवाई जारी रहेगी।